श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अदालत के आदेश के बावजूद कथित आतंकवाद मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में मौजूद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद-उर-रहमान पारा को सोमवार को जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्य के रूप में शपथ लेने की इजाजत नहीं दी गयी।
एनआईए ने पारा को डीडीसी सीट पुलवामा से नामांकन पत्र दाखिल करने के लगभग पांच दिन बाद गिरफ्तार किया था। वह हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के साथ कथित संबंधों के आरोप में 25 नवंबर से एनआईए की हिरासत में हैं हालांकि अपने परिवार के सदस्यों और अन्य पीडीपी नेताओं के प्रचार की बदौलत उन्हें विजय भी हासिल कर ली।
सुश्री मुफ्ती ने ट्विटर पर कहा, "अदालत से स्पष्ट आदेश के बावजूद वहीद पारा को डीडीसी सदस्य के रूप में शपथ लेने की इजाजत नहीं दी गयी। यह सबूत है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन कितना शत्रुतापूर्ण और अभिमानी हो गया है। इससे न्यायालय की अवमानना होती है लेकिन उन पर इसका कोई असर नहीं होगा।" सुश्री मुफ्ती ने पारा की गिरफ्तारी की आलोचना की और उन्हें चुनाव जीतने के लिए बधाई दी।
सोमवार को कश्मीर घाटी के सभी 10 जिलों से डीडीसी के 138 निर्वाचित सदस्यों ने देश के संविधान और संप्रभुता को बनाये रखने की शपथ ली जिनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल थीं। उन्हें संबंधित जिला विकास आयुक्तों ने शपथ दिलाई।
डीडीसी श्रीनगर के विकास आयुक्त डॉ. शाहिद इकबाल चौधरी ने हारवान निवासी गर्भवती सदस्य रिजवाना अख्तर के घर जाकर उन्हें शपथ दिलायी, क्योंकि वह टैगोर हॉल में आयोजित आधिकारिक शपथ समारोह में शामिल नहीं हो सकती थीं।
कुपवाड़ा में एक सीट का परिणाम मतगणना के बाद चुनाव आयोग के निर्देश पर रोक दिया गया क्योंकि यह पाया गया था कि एक महिला उम्मीदवार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की नागरिक है, जिसकी शादी एक स्थानीय व्यक्ति से हुई है।
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