भारत को 'बचाने' के लिए मेरे साथ चलें जम्मू-कश्मीर : राहुल गांधी
भारत को 'बचाने' के लिए मेरे साथ चलें जम्मू-कश्मीर : राहुल गांधीRaj Express

भारत को 'बचाने' के लिए मेरे साथ चलें : जम्मू-कश्मीर में राहुल गांधी

भारत को 'बचाने' के मेरे मिशन में मेरा समर्थन करें। मैं यहां जम्मू-कश्मीर के लोगों के दुख को साझा करने के लिए हूं, जिन्होंने पिछले दशकों में कई मोर्चों पर दुख झेला है।

जम्मू। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचकर गुरुवार की शाम पड़ोसी राज्य पंजाब से लखनपुर होते हुए जम्मू-कश्मीर में दाखिल हुई।

लखनपुर पहुंचने पर राहुल गांधी ने महाराजा गुलाब सिंह प्रतिमा के पास खचाखच भरे कार्यक्रम स्थल को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर के लोगों से भारत को 'बचाने' के लिए उनके साथ चलने को कहा है। उन्होंने कहा, "भारत को 'बचाने' के मेरे मिशन में मेरा समर्थन करें। मैं यहां जम्मू-कश्मीर के लोगों के दुख को साझा करने के लिए हूं, जिन्होंने पिछले दशकों में कई मोर्चों पर दुख झेला है।"

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के सांसद प्रताप सिंह बाजवा, शिवसेना सांसद संजय राउत और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने श्री गांधी के साथ मंच साझा किया।

सफेद टी-शर्ट पहने राहुल मशाल लेकर चले और महाराजा गुलाब सिंह की प्रतिमा पर माथा टेका। हालांकि, पंजाब की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष राजा वारिंग ने राहुल गांधी की उपस्थिति के बीच एक पारंपरिक समारोह में जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष विकार रसूल वानी को पार्टी का झंडा सौंपा।

श्री गांधी ने कहा, "भाजपा और आरएसएस ने देश में नफरत फैलाई है"। श्री गांधी ने देश के सामने मुख्य मुद्दों के रूप में नफरत, हिंसा, बेरोजगारी और महंगाई को उजागर किया और उन्हें उजागर नहीं करने के लिए मीडिया को दोषी ठहराया।

श्री गांधी ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में उन्हें घर लौटने का मन कर रहा है क्योंकि उनके पूर्वज इसी भूमि के थे। इस बीच नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कई साल पहले शंकराचार्य ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा निकाली थी और आज (राहुल गांधी) कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा भारत को एकजुट करने की कोशिश कर रही है और मरने से पहले वह अखंड भारत में शांति और सद्भाव देखना चाहते हैं। यात्रा के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

लखनपुर में रात्रि विश्राम के साथ यात्रा शुक्रवार को हटली मोड़ (कठुआ) से चड़वाल (23 किलोमीटर) के लिए यात्रा शुरू होगी और रात्रि विश्राम करेगी। 21 जनवरी को एक दिन के विश्राम के बाद ,यात्रा अगले दिन सांबा जिले में हीरानगर से दुग्गर हवेली, नानक चक (21 किलोमीटर) तक फिर से शुरू होगी और आगे 23 जनवरी को विजयपुर से सतवारी तक शुरू होगी और रात का पड़ाव सिधरा में होगा। पूर्व मुख्यमंत्री, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती श्रीनगर में यात्रा में शामिल होंगे। यात्रा के रास्ते में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी।

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