
उत्तर प्रदेश, भारत। मंकीपॉक्स संक्रमण के बढ़ते हुए केसों को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अभी से एक्शन मोड में आ चुकी है, आज उन्होंने कोविड-19 के संबंध में गठित समितियों के अध्यक्षों के साथ बैठक में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी हैै।
प्रदेश में विशेष सावधानी बरती जाए :
बैठक में UP के योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ''देश के कुछ हिस्सों में मंकीपॉक्स संक्रमण के बढ़ते केस को देखते हुए प्रदेश में विशेष सावधानी बरती जाए।'' तो वहीं, CM योगी को अवगत कराया गया कि, 34 करोड़+ कोविड टीकाकरण के साथ ही 15+ आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है, जबकि 98.78% वयस्कों को दोनों खुराक मिल चुकी है। 15-17 आयु वर्ग के 100.50% किशोरों और 12 से 14 आयु वर्ग के 99.9% बच्चों को पहली खुराक दी जा चुकी है। अब तक 55 लाख लोगों ने निःशुल्क बूस्टर डोज लगवा ली है।
कोविड संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण के नए चरण में टीके की 'अमृत डोज' (बूस्टर डोज) दी जा रही है। बूस्टर डोज निःशुल्क है। बूस्टर डोज के लिए तय 75 दिनों के लक्ष्य के सापेक्ष इसमें तेजी की अपेक्षा है। इसके लिए मिशन मोड में प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। सुनिश्चित करें कि प्रत्येक पात्र प्रदेशवासी को मुफ्त बूस्टर डोज जरूर लग जाए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
बैठक में मुख्यमंत्री योगी को यह अवगत भी कराया गया कि, ''कोविड केस में विगत दिवस 0.7% पॉजिटिविटी दर दर्ज की गई है। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 2,804 है। 2,608 रोगी होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। विगत 24 घंटों में 74 हजार से अधिक टेस्ट किए गए। इसी अवधि में 491 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई, जबकि 498 रोगी उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए।''
CM योगी द्वारा कहीं गई बातें-
बरसात के दिनों में प्रायः सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे मरीजों के त्वरित उपचार की व्यवस्था हो। CHC/PHC पर एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता रहे।
लगभग दो वर्ष के अंतराल के बाद इस बार कांवड़ यात्रा हो रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कावंड़ यात्रा अब अंतिम चरण में है और अब पूर्वी उत्तर प्रदेश में श्रद्धालुओं का जत्था निकलेगा। इसके दृष्टिगत सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं।
पलियाकलां क्षेत्र में शारदा नदी और बाराबंकी में सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। यहां की स्थिति पर हर समय नजर रखी जाए। किसी आपदा की स्थिति में आमजन की सुरक्षा, बचाव और राहत के लिए सभी प्रबंध कर लिए जाएं।
भारतीय मौसम विभाग, केंद्रीय जल आयोग, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें। यहां से प्राप्त आकलन/अनुमान रिपोर्ट समय से फील्ड में तैनात अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाए।
विगत दिनों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू संक्रमण से सुअरों की मौत की घटनाएं सामने आई हैं। संक्रमण का प्रसार न हो, इसके लिए कंटेनमेंट जोन की व्यवस्था लागू की जाए। संक्रमित सुअरों की अंतिम क्रिया मेडिकल प्रोटोकॉल का साथ हो। सुअर पालन बहुत से लोगों के लिए आजीविका का माध्यम हैं। ऐसे में जिन सुअरपालकों के यहां अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से मौत की घटना हुई हैं, उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने के संबंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए प्रस्ताव तैयार करें।
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