मुख्तार अंसारी मौत मामले की होगी न्यायिक जांच, स्लो पॉइज़न देने के लगाए जा रहे आरोप

बांदा डीएम ने पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिये हैं। अंसारी के परिवार ने स्लो पॉइज़न दिये जाने के आरोप लगाए थे।
मुख्तार अंसारी की मौत की होगी न्यायिक जांच, स्लो पॉइज़न देने के लगाए जा रहे आरोप
मुख्तार अंसारी की मौत की होगी न्यायिक जांच, स्लो पॉइज़न देने के लगाए जा रहे आरोपRaj Express
Author:
Shreya N
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हाइलाइट्स :

  • मुख्तार अंसारी की मौत की होगी न्यायिक जांच।

  • अंसारी ने पहले ही जताई थी मौत की आशंका।

  • शनिवार को किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक।

28 मार्च की रात उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। उल्टी की शिकायत के बाद, बेहोशी की हालात में अंसारी को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया था। यहां डॉक्टर्स की टीम ने उसका इलाज किया, पर मुख्तार को बचाया नहीं जा सका। 29 मार्च को 3 डॉक्टरों के पैनल ने अंसारी का पोस्टमॉर्टम किया और शव परिजनों को सौंप दिया। शनिवार सुबह गाजीपुर के काली बाग कब्रिस्तान में अंसारी को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। इस बीच मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दे दिये गए हैं।

डीएम ने दिये न्यायिक जांच के आदेश

मुख्तार अंसारी की अचानक हुई मौत को उनके परिवार द्वारा हत्या बताया जा रहा था। अंसारी के बेटे उमर ने उन्हें जेल में स्लो पॉइजन दिये जाने की बात कही थी। जिसके बाद मुख्तार के समर्थकों में भी आक्रोश देखने को मिला। ऐसे में बांदा के डीएम ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिये हैं। 1 माह के भीतर ये जांच पूरी करके, जांच टीम को रिपोर्ट सौंपनी होगी। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी/ एमएलए कोर्ट) गरिमा सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।

बांदा डीएम का न्यायिक जांच के लिए आदेश
बांदा डीएम का न्यायिक जांच के लिए आदेशRE

मुख्तार ने जताई थी अपनी मौत की आशंका

मुख्तार अंसारी ने पहले ही अपनी मौत की आशंका जताई थी। अंसारी ने अपने वकील के जरिए जिला कोर्ट को एक प्रार्थना पत्र सौंपा था, जिसमें 19 मार्च को बांदा जेल में दिये गए भोजन में जहर होने की बात कही गई थी। उस भोजन के सेवन से मुख्तार ने हाथ, पैर और शरीर में दर्द के साथ घबराहट होने की शिकायत की थी। मुख्तार ने अपने प्रार्थना पत्र में कोर्ट को ये भी बताया कि 40 दिन पहले भी उसके खाने में स्लो पॉइज़न दिया गया था। 21 मार्च को बाराबंकी की शहर कोतवाली में मुख्तार अंसारी समेत 12 पर दर्ज गैंगस्टर के मामले की सुनवाई चल रही थी। इस ही सुनवाई के दौरान मुख्तार के वकील ने उसका प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश किया था। 

असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी की शासन व्यवस्था पर उठाए सवाल

मुख्तार अंसारी की मौत पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश की शासन व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने कहा कि ''राज्य (उत्तर प्रदेश) को कानून के शासन से नहीं बल्कि बंदूक के शासन से चलाया जा रहा है। मुख्तार अंसारी न्यायिक हिरासत में थे जब उनके परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया था। परिवार को आशंका थी कि उसे जेल के अंदर मार दिया जाएगा। अब, उसकी मौत हो गई और परिवार का कहना है कि उसे धीमा जहर दिया गया था। आश्चर्य की बात यह है कि उसे विशेष अस्पताल में नहीं बल्कि एक अस्पताल में ले जाया गया जहां उस पर कोई उचित चिकित्सकीय ध्यान नहीं दिया गया और थोड़े समय के भीतर उसे वापस जेल भेज दिया गया। मुझे उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश सरकार न्याय के हित में और कानून के शासन के हित में निष्पक्ष जांच करेगी। पूरी दुनिया को पता चलना चाहिए कि क्या हुआ है।”

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