मधुमिता शुक्ला हत्याकांड
मधुमिता शुक्ला हत्याकांडSyed Dabeer Hussain - RE

मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी रिहा, जानिए पूरा मामला

उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ दिन पहले अमरमणि और मधुमणि को रिहा करने का आदेश दिया था। सरकार के इस आदेश के खिलाफ मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी।

हाइलाइट्स :

  • 9 मई 2003 को लखीमपुर खीरी की चर्चित 24 वर्षीय कवियत्री मधुमिता शुक्ला की दो युवकों ने हत्या कर दी गई।

  • बदमाशों ने कवयित्री को उसके घर में घुसकर गोली मार दी थी।

  • पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि उस समय मधुमिता 7 महीने की गर्भवती थी।

Madhumita Shukla Murder Case : चर्चित कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के चलते पिछले 20 साल से जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे उत्तरप्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को जेल से रिहा कर दिया है। गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश सरकार ने कुछ दिन पहले अमरमणि और मधुमणि को रिहा करने का आदेश दिया था। सरकार के इस आदेश के खिलाफ मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, लेकिन कोर्ट ने अमरमणि और उनकी पत्नी की रिहाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। साथ ही यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब भी मांगा है। दूसरी तरफ निधि शुक्ला मणि परिवार से अपनी जान का खतरा बताते हुए कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कह रही है।

क्या है मधुमिता शुक्ला हत्याकांड?

दरअसल 9 मई 2003 को लखीमपुर खीरी की चर्चित 24 वर्षीय कवियत्री मधुमिता शुक्ला की दो युवकों ने हत्या कर दी गई। बदमाशों ने कवयित्री को उसके घर में घुसकर गोली मार दी थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि उस समय मधुमिता 7 महीने की गर्भवती थी। इस हत्याकांड में शक की सुई मुलायम सरकार के मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की तरफ घूम रही थी, लेकिन मंत्री होने के चलते पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने से बच रही थी। जून 2003 में सरकार ने मामले की जांच कर रहे आईपीएस महेंद्र लालका को सस्पेंड कर दिया। इस तरह यह मामला गरमा गया।

मधुमिता के पेट में था अमरमणि का बच्चा

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जब मधुमिता के गर्भवती होने की पुष्टि हुई तो भ्रूण का डीएनए टेस्ट करवाया गया। इससे पता चला कि वह बच्चा अमरमणि का ही था। इसके बाद सीबीआई ने 2003 के सितंबर महीने में अमरमणि त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि के खिलाफ आरोप तय किए। 24 अक्टूबर 2007 को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अमरमणि, मधुमणि, रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को उम्रकैद की सजा सुनाई। अमरमणि ने इस फैसले को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन उसे राहत नहीं मिली। अब करीब 20 साल की सजा काटने के बाद अमरमणि और उनकी पत्नी को रिहा कर दिया गया है।

क्यों दिया हत्याकांड को अंजाम?

दरअसल लखीमपुर खीरी जिले की रहने वाली कवियत्री मधुमिता शुक्ला कवि सम्मेलनों में जाती थी। इसी दौरान वह अमरमणि के संपर्क में आई। इसके बाद उसकी पहचान बढ़ने लगी। दूसरी तरफ अमरमणि और मधुमिता का रिश्ता प्रेम में बदल गया और दोनों के बीच शारीरिक संबंध बन गए। जब मधुमिता गर्भवती हो गई तो अमरमणि ने अबॉर्शन का दबाव बनाया, लेकिन मधुमिता ने इससे इंकार कर दिया था।

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