काशी एक्सप्रेस विवाद: ओवैसी ने संवैधानिक प्रस्तावना का दिया हवाला

भारतीय रेलवे ने 'काशी महाकाल एक्सप्रेस' में भगवान शिव का एक मंदिर भी बनाया गया है, जिस पर बवाल मचने लगा है। ओवैसी ने शिव मंदिर पर सवाल खड़े करते हुए संविधान की प्रस्तावना का हवाला दिया।
Kashi Mahakal Express Owaisi Controversy
Kashi Mahakal Express Owaisi ControversyPriyanka Sahu -RE

राज एक्‍सप्रेस। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रविवार 16 फरवरी को एक ऐसी ट्रेन की शुरुआत की है, जो भगवान शिव से जुड़े 3 तीर्थों को एक साथ जोड़ती है और अपने आप में काफी खास भी है, परंतु इस ट्रेन 'काशी-महाकाल एक्सप्रेस' को लेकर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। दरअसल, AIMIM प्रमुख व सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस नई ट्रेन को लेकर सवाल खड़े किए हैं।

मोदी सरकार पर साधा निशाना :

असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए एवं अपने इस ट्वीट को PMO को टैग करते हुए संविधान की प्रस्तावना को शेयर किया है।

क्‍यों किया संविधान की प्रस्तावना को शेयर?

ओवैसी द्वारा संविधान की प्रस्तावना का हवाला देने से यह साफ है कि, वह सभी धर्मों व लोगों के साथ एक समान व्यवहार करने को कह रहे हैं, क्‍योंकि संविधान की प्रस्तावना अपने सभी नागरिकों के लिए सामाजिक और आर्थिक समानता सुनिश्चित करती है।

क्‍या है काशी एक्सप्रेस विवाद का कारण ?

दरअसल, 'काशी महाकाल एक्सप्रेस' ट्रेन में विवाद भगवान शिव के मंदिर बनाये जाने को लेकर हो रहा है। भारतीय रेलवे ने 'काशी महाकाल एक्सप्रेस' के बी5 कोच में सीट नंबर-64 स्थायी तौर पर भगवान शिव के लिए आरक्षित है, ताकि ट्रेन में भी लोगों को भगवान शिव के दर्शन करने को मिले। वहीं, रेलवे के अनुसार ऐसा पहली बार है कि, जब एक सीट भगवान शिव के लिए आरक्षित और खाली रखी गई हो और सीट पर एक मंदिर भी बनाया गया है।

इस नई ट्रेन में क्‍या है खास?

वाराणसी से इंदौर के लिए रातभर चलने वाली यह पहली निजी ट्रेन 'काशी महाकाल एक्सप्रेस' 3 तीर्थ केंद्रों ओंकारेश्वर (इंदौर के पास), महाकालेश्वर (उज्जैन) और काशी विश्वनाथ (वाराणसी) के अलावा मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और औद्योगिक और शैक्षणिक केंद्र इंदौर से जोड़ेगी।

बता दें कि, इस ट्रेन की एक नई खासियत यह भी है कि, इसके एसी-3 श्रेणी के सभी कोच में हर वक्‍त 'ऊं नम: शिवाय मंत्र' की धुन व भगवान शिव के अन्य भजनों की धुन बजती रहती है। इस ट्रेन में बैठने वाले यात्रियों को यह एहसास होगा कि, यह ट्रेन काशी विश्वनाथ से महाकालेश्वर के दर्शन कराने जा रही है।

PM मोदी ने दिखाई हरी झंडी :

बीते दिन रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के एक दिवसीय दौरे पर कई योजनाओं की शुरुआत की है, इन्हीं में से एक 'काशी-महाकाल एक्सप्रेस' भी है, जिसे कल ही PM मोदी ने हरी झंडी दिखाई है। यह ट्रेन काफी सुविधाजनक है, क्‍योंकि इसमें सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया है। इतना ही नहीं बल्कि निगरानी के लिए सभी कोचों में CCTV कैमरे लगे हैं, साथ ही कोच अटेंडेंट की सीट के ऊपर LCD डिस्प्ले भी लगाई गई है, जिसके माध्यम से अटेंडेंट सभी गतिविधियों पर नजर रखेगा।

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