UP: बस्ती में सांसद खेल महाकुंभ के दूसरे चरण का PM मोदी ने किया उद्घाटन
उत्तर प्रदेश, भारत। उत्तर प्रदेश के बस्ती में आज 17 जनवरी को सांसद खेल महाकुंभ 2022-2023 के दूसरे चरण का उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा लिया और बस्ती में सांसद खेल महाकुंभ 2022-2023 के दूसरे चरण का उद्घाटन किया।
सांसद खेल महाकुंभ में CM योगी का संबोधन :
बस्ती में सांसद खेल महाकुंभ के उद्घाटन के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना संबोधन दिया और कहा- सांसद खेल कूद महाकुंभ के माध्यम से ग्रामीण प्रतिभाओं का आगे बढ़ने का अवसर मिला और उन्हें एक मंच मिला। राज्य के 58,000 ग्राम पचांयतों में खेल के मैदान बनाने की कार्रवाई चल रही है जिनमें 34,000 ग्राम पंचायतों में अब तक खेल मैदान के लिए भूमि आरक्षित की गई है। कोई भी ख़िलाड़ी ओलंपिक, एशियाई, कॉमनवेल्थ या विश्व चैंपियनशिप में मेडल लाता है तो उन्हें प्रदेश सरकार प्रोत्साहित करती है। ओलंपिक में गोल्ड पदक पर 6, रजत पदक पर 3, और कांस्य पदक जितने पर 1 करोड़ रुपए की साहयता राशि देती है और प्रतिभाग करने वालों को 10 लाख रुपए।
सांसद खेल महाकुंभ में PM मोदी का संबोधन :
तो वहीं, CM योगी अादित्यनाथ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन दिया और कहा कि, ''बस्ती, महर्षि वशिष्ठ की पावन धरती है। श्रम, साधना, तप और त्याग की धरती है। एक खिलाड़ी के लिए उसका खेल भी साधना और तपस्या है, जिसमें वह खुद को तपाता रहता है। 'सांसद खेल महाकुंभ' में अच्छा प्रदर्शन करने वाले युवा खिलाड़ियों को 'स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ ट्रेनिंग सेंटर' में आगे की ट्रेनिंग के लिए चुना जा रहा हैं। इससे युवा पीढ़ी को बहुत लाभ होगा। यह खेल महाकुंभ सभी प्रतिबद्ध खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधित्व करने का शानदार अवसर प्रदान करेगा।''
मुझे बताया गया है कि,'सांसद खेल महाकुंभ' की एक और विशेष बात है। इसमें बड़ी संख्या में हमारी बेटियां हिस्सा ले रही हैं। मुझे विश्वास है कि बस्ती, पूर्वांचल, यूपी और देश की बेटियां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगितायों में अपना दम-खम दिखाती रहेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
संबोधन में PM मोदी न यह बातें भी कहीं-
एक वक्त था जब स्पोर्ट्स की गिनती extracurricular activity के तौर पर ही होती थी। यानी इसे पढ़ाई से अलग केवल टाइम पास का जरिया समझा जाता था। बीते 8-9 वर्षों में देश ने इस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर स्पोर्ट्स के लिए एक बेहतर वातावरण बनाने का काम किया है।
फिटनेस से लेकर हेल्थ तक, Team bonding से लेकर तनाव मुक्ति के साधन तक, Professional success से लेकर personal improvement तक Sports के अलग-अलग फायदे लोगों को नजर आने लगे हैं। हमने ओलंपिक और पैरालंपिक में अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। अलग अलग खेलों के टूर्नामेंट में भारत का प्रदर्शन चर्चा का विषय रहा है, लेकिन ये तो अभी शुरूआत है हमें और लंबी यात्रा करनी है और रिकॉर्ड बनाना है।
पिछले 8 वर्षों ने देश में खेलों के फलने-फूलने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान किया है। यही कारण है कि युवा अब खेल को करियर के रूप में चुनने लगे हैं।
हमारे खिलाड़ियों के पास पर्याप्त संसाधन हो, ट्रेनिंग हो, टेक्निकल नॉलेज हो, इंटरनेशनल एक्सपोजर हो और उनके चयन में पारदर्शिता हो इन सभी पर जोर दिया जा रहा है।
आज बस्ती और दूसरे जिलों में खेलों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए जा रहे हैं, स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। देशभर में एक हजार से अधिक खेलो इंडिया सेंटर बनाए जा रहे हैं, जिसमें से 50 से अधिक सेंटर बनकर तैयार हो चुके हैं।
'न्यू इंडिया' खेल क्षेत्र की चुनौतियों का उत्कृष्ट रूप से सामना कर रहा है और उसका समाधान ढूंढ रहा है। यह ठीक से सुनिश्चित किया गया है कि हमारे खिलाड़ियों के पास पर्याप्त संसाधन, प्रशिक्षण, तकनीकी ज्ञान, अंतरराष्ट्रीय अनुभव और उनके चयन में पारदर्शिता हो।
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