बरेली में तीन कंपनियों ने किसानों का लाखों का धान हड़पा

बरेली में समर्थन मूल्य योजना के तहत किसानों से धान खरीदी के पश्चात् भुगतान नहीं होने पर खाद्य विभाग ने धान खरीद कर रही तीन कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
बरेली में तीन कंपनियों ने किसानों का लाखों का धान हड़पा
बरेली में तीन कंपनियों ने किसानों का लाखों का धान हड़पासांकेतिक चित्र

बरेली, उत्तर प्रदेश। बरेली में समर्थन मूल्य योजना के तहत किसानों से धान खरीदा गया लेकिन इसका भुगतान किसानों को नहीं किया गया। किसान जब सड़कों पर उतरे तब खाद्य विभाग ने धान खरीद कर रही तीन कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

सरकारी खरीद योजना में शासन अपने विभिन्न विभागों के साथ-साथ गैर सरकारी सिस्टम से भी गेहूं और धान खरीद कराता है। इसके तहत खरीफ फसल सत्र 2020-21 में फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियां (एफपीसी) यानी आढ़तियों को भी धान खरीद में लगाया गया था। जिले में करीब 15 फर्मों ने धान खरीद के लिए पंजीकरण कराया।

आदर्श एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी नवाबगंज, शुभ कीर्ति प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड बरेली और पीलीभीत फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी जहानाबाद पीलीभीत फर्मों को जिलाधिकारी ने वर्ष 2020- 21 के अंतर्गत धान क्रय नीति के तहत छह नवंबर 2020 को धान खरीद की अनुमति दी थी। अक्टूबर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक खूब धान खरीद हुई। पंजीकृत कंपनी फर्मों ने भी 15 जनवरी तक किसानों से धान खरीदा और धीरे-धीरे किसानों को भुगतान भी किया। लेकिन 109 किसान ऐसे सिस्टम में ऐसे पकड़े आए कि जिनका 117 लाख रुपया पिछले पांच महीने से आरोपित फर्मो पर बकाया है। उधर, संबंधित किसानों ने अपना भुगतान ना मिलने की शिकायत प्रशासन से की थी। इसके साथ ही खाद्य विभाग विपणन शाखा ने भी संज्ञान लिया। इसके तहत क्षेत्रीय विपणन अधिकारी ज्ञान चंद वर्मा ने थाना नवाबगंज में जगदीश सरन गंगवार सचिव आदर्श एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी नवाबगंज, हरीश गंगवार सचिव शुभ कीर्ति प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड बरेली और प्रेम कुमार सचिव पीलीभीत फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी जहानाबाद पीलीभीत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

क्षेत्रीय विपणन अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार के पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से किसानों के बैंक खाता सत्यापन के पश्चात यथासंभव 72 घंटे के अंदर उनके बैंक खाते में सुनिश्चित कराया जाना चाहिए। लेकिन तीन कंपनियों ने कई बार निर्देशित करने भी भुगतान नहीं किया। लिखित चेतावनी और नोटिस जारी हुए लेकिन उन्होंने पांच महीने बीतने पर भी किसानों का भुगतान नहीं किया। किसानों को भुगतान न होने से किसानों का आर्थिक व मानसिक शोषण हो रहा है। इसलिए किसानों को देय भुगतान दिलाने के लिए संबंधित तीन फर्मों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।

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