मुख्यमंत्री ने ‘हर घर नल योजना’ के कार्यों की समीक्षा की
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Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री ने ‘हर घर नल योजना’ के कार्यों की समीक्षा की

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों से परियोजना की भौतिक प्रगति का विवरण जाना। जल जीवन मिशन के समयबद्ध क्रियान्वयन और गुणवत्तापरक कार्यों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

लखनऊ उत्तर प्रदेश। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर जल जीवन मिशन के अंतर्गत संचालित ‘हर घर नल योजना’ के कार्यों की समीक्षा की। परियोजना की महत्ता पर जोर देते हुए उन्होंने जल जीवन मिशन के समयबद्ध क्रियान्वयन और गुणवत्तापरक कार्यों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में उन्होंने जिलाधिकारियों से परियोजना की भौतिक प्रगति का विवरण भी जाना और नियमित समीक्षा के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हर देशवासी को शुद्ध पेयजल सुलभ कराने के उद्देश्य से 15 अगस्त, 2019 को घोषित ‘जल जीवन मिशन’ से आज बुंदेलखण्ड, विंध्य क्षेत्र की तस्वीर बदल रही है। हर घर में शुद्ध पेयजल का सपना पूरा हो रहा है। यह ईज ऑफ लिविंग के संकल्प को पूरा करने वाली परियोजना है। शुद्ध पेयजल बेहतर स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण आधार भी है, इस दृष्टि से भी जल जीवन मिशन का विशिष्ट महत्व है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हर घर नल’ के संकल्प के साथ अब तक 46 लाख 72 हजार घरों में नल के कनेक्शन लगाये गए हैं। इसमें तेजी की अपेक्षा है। इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक एक करोड़ घरों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति कराये जाने का लक्ष्य लेकर कार्य करें। शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की योजना से अब तक जो क्षेत्र नहीं जोड़े जा सके हैं, उन्हें यथाशीघ्र जोड़ा जाए। इसके लिए जिलाधिकारी भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। हर घर नल परियोजना के समयबद्ध क्रियान्वयन और गुणवत्तापरक कार्य के लिए पर्याप्त धनराशि की उपलब्धता है। किसी भी जिले में, किसी भी स्तर पर मैनपावर की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। काम में लापरवाही, शिथिलता अथवा सरकारी धन के दुरुपयोग की एक भी घटना किसी भी दशा में स्वीकार नहीं की जाएगी। यदि कहीं कोई एजेंसी गड़बड़ी कर रही है तो तत्काल शासन को अवगत कराएं, कठोर कार्रवाई होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अलीगढ़ और आगरा मण्डल में पेयजल के लिए लोअर गंगा कैनाल के पानी की जगह चंबल नदी के पानी का उपयोग किए जाने पर विचार किया जाए। चंबल में पर्याप्त पानी है, पानी मीठा भी है। तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भेजकर इसकी फिजिबिलिटी का परीक्षण करा लिया जाए। हमें 97 हजार गांवों तक शुद्ध पेयजल मुहैया कराना है। ऐसे में सभी 97,000 गांवों का एक्शन प्लान तैयार कर लिया जाए। यह सुनिश्चित हो कि पाइप्ड नल से जल का कनेक्शन घर के आँगन तक पहुंचे। हमारा लक्ष्य है कि मार्च, 2024 तक हर राजस्व ग्राम के हर घर में पीने का साफ पानी उपलब्ध हो। हर घर में पाइप्ड पेयजल कनेक्शन लगाए जाने की कार्यवाही को और तेज किया जाना जरूरी है। अभी हर दिन 13-14 हजार कनेक्शन लगाए जा रहे हैं, इसे 25 हजार तक बढ़ाये जाने की कार्यवाही हो। हर गांव में प्रशिक्षित प्लम्बर की तैनाती की जाए। इसमें अनावश्यक देरी न की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद अथवा प्रदेश स्तर पर एनओसी जारी करने में अकारण देरी न की जाए। सभी जिलाधिकारी स्वयं जिम्मेदारी लेते हुए डीपीआर तैयार करने सहित अन्य शुरुआती प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा कराएं। कार्य का भौतिक निरीक्षण करते रहें। सुल्तानपुर, बाराबंकी, संभल, अयोध्या आदि जिलों में सुधार अपेक्षित है। एफएचटीसी के लिए सभी जिलों को मासिक टारगेट दिए गए हैं। सीतापुर, प्रयागराज, अलीगढ़, शाहजहांपुर आदि जिलों को कार्य में तेजी लानी होगी। जिलाधिकारी यह टारगेट समय से पूरा होना सुनिश्चित करायें। जरूरत हो तो मैनपावर बढ़ाएं। टेक्निकल स्टाफ से सीधा संवाद करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की संस्थाओं के साथ मिलकर जलशक्ति, स्वच्छ भारत मिशन, नमामि गंगे परियोजनाओं के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाए। विंध्य-बुन्देलखण्ड में पाइप्ड पेयजल के लिए बिजली कनेक्शन में अनावश्यक देरी न की जाए। नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग और ऊर्जा विभाग परस्पर समन्वय के साथ इस काम को समय से पूरा कराएं। स्थलीय निरीक्षण की व्यवस्था को और मजबूत करना होगा। कार्यपद्धति में पूरी शुचिता और पारदर्शिता होनी चाहिए। ग्राम जल समितियों को एक्टिव किया जाए। यह समितियां काम की गुणवत्ता का आकलन करेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अशुद्ध पेयजल का सेवन इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी का मुख्य कारक रही हैं। आर्सेनिक, फ्लोराइड, खारापन, नाइट्रेट, आयरन आदि के कारण गुणवत्ता प्रभावित जल वाले क्षेत्रों के सुधार के लिए जल जीवन मिशन अंतर्गत विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में भारत सरकार अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इन क्षेत्रों में कार्य तेज किए जाने की जरूरत है। भारत सरकार की अटल भूजल योजना को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों को भी भूजल योजना से जोड़ा है। बुंदेलखंड में इस योजना के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। भूजल संरक्षण के लिए जनसहभागिता बहुत जरूरी है। इस अभियान से अधिकाधिक लोगों को जोड़ने के प्रयास हों।

इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव वन मनोज सिंह, प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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