‘फोर्टिफाइड चावल’ से उत्तर प्रदेश की किस्मत बदलेंगे सीएम योगी
‘फोर्टिफाइड चावल’ से उत्तर प्रदेश की किस्मत बदलेंगे सीएम योगीRaj Express

Uttar Pradesh : ‘फोर्टिफाइड चावल’ से उत्तर प्रदेश की किस्मत बदलेंगे सीएम योगी

फोर्टिफाइड चावल लागत प्रभावी, स्केलेबल और टिकाऊ होने के साथ ही सूक्ष्म पोषक तत्वों से होता है युक्त। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में मार्च 2024 तक फोर्टिफाइड चावल वितरण हो जाएगा पूर्ण रूप से सुचारू।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश में ‘फोर्टिफाइड चावल’ के वितरण को प्रभावी रूप से सुचारू रखने की दिशा में योगी सरकार ने सकारात्मक कदम उठाते हुए उन्हीं चावल मिलों को धान आवंटित किए जाना शुरू कर दिया है, जिनमें ब्लेंडर स्थापित होंगे। केंद्र सरकार की राइस फोर्टिफिकेशन योजना के दूसरे फेज में प्रदेश के 60 जिलों में 64,365 राशन की दुकानों को चुना गया है। इनमें नेशनल फूड सेफ्टी एक्ट (एनएफएसए) के अंतर्गत 46.10 लाख मीट्रिक टन वार्षिक आवंटन से 12 करोड़ लाभार्थियों को लाभान्वित करने का प्रयास है। माना जा रहा है कि इस साल जुलाई तक प्रदेश के हर जिले में एनएफएसए लाभार्थियों को फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पूरी हो सकती है। गौरतलब है कि भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या का मुख्य भोजन चावल है और दुनिया में 22 प्रतिशत उत्पादन के साथ भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता भी है। ऐसे में लोगों में भोजन के जरिए पोषण प्रतिपूर्ति को सुचारू रखने की दिशा में फोर्टिफाइड राइस की अहम भूमिका है।

चावल के गुणों को संवर्धित करता है ‘फोर्टिफाइड राइस’

आमतौर पर मिलिंग और प्रोसेसिंग प्रक्रिया चावल की वसा और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर चोकर की परत को हटा देती है, वहीं फोर्टिफाइड राइस में ये सभी गुण संवर्धित रहते हैं। इसमें विटामिन बी-1, विटामिन बी-6, विटामिन ई, नियासिन, आयरन, जिंक, फॉलिक एसिड, विटामिन बी-12 और विटामिन ए जैसे तत्वों को संरक्षित कर ब्लेंडिंग प्रक्रिया के जरिए सूक्ष्म पोषक तत्वों को संवर्धित किया जाता है। यही कारण है कि देश में एनीमिया समेत कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के जड़ से निराकरण के लिए फोर्टिफाइड राइस एक प्रभावी कदम साबित हो सकता है, इसीलिए एनएफएसए की राइस फोर्टिफिकेशन योजना के जरिए देश में इसके वितरण की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है।

प्रदेश में 15.05 करोड़ लोगों तक पहुंचेगा लाभ

उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों के 75 जिलों में 2011 की जनगणना के अनुसार 19.98 करोड़ लोग निवास करते हैं। ऐसे में, प्रदेश के 15.05 एनएफएसएल लाभार्थियों को फोर्टिफाइड चावल का लाभ उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, प्रदेश में राइस फोर्टिफिकेशन योजना के अंतर्गत 60 जिलों में 64,365 राशन की दुकानों के जरिए एनएफएसए के अंतर्गत 46.10 लाख मीट्रिक टन वार्षिक आवंटन के जरिए 12 करोड़ लाभार्थियों को लाभ मिलना शुरू हो गया है। इसी प्रकार, मार्च 2024 तक प्रदेश में 1718 ब्लेंडर युक्त चावल मिलों के जरिए 79,365 राशन की दुकानों द्वारा 3.61 करोड़ राशन कार्ड धारी परिवारों को फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराने का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। पहले ही, प्रदेश में वर्ष 2021 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चंदौली और वाराणसी के सेवापुरी ब्लॉक में 102 चावल मिलों के जरिए 1823 आंगनवाड़ी, 865 राशन की दुकानों समेत कुल 1917 लाख लाभार्थी लाभान्वित हो चुके हैं। इसी सफलता को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश में पहले चरण में 3.96 करोड़ लोग तक फोर्टिफाइड चावल का लाभ पहुंचाया गया।

तीन चरण में हो रहा काम

केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशन में प्रदेश में फोर्टिफाइड चावल वितरण के जरिए लोगों को लाभ पहुंचाने का काम तीन फेज में जारी है। पहले फेज में मार्च 2022 तक पूरे देश में आईसीडीएस और पीएम पोषण योजना को प्रभावी रूप से सुचारू किया गया। वहीं, दूसरे फेज में हाई बर्डन जिलों और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा तय की जा रही है। तृतीय चरण में मार्च 2024 तक सभी जिलों तक फोर्टिफाइड राइस के लाभ लोगों तक सुचारू रूप से पहुंचाने को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रदेश सरकार का भी मुख्य फोकस इन्हीं लक्ष्यों को पूरा करने पर है। प्रदेश में 73 जिलों में आवंटन प्रक्रिया शुरू हो गई है। फिलहाल, प्रदेश में फोर्टिफाइड चावल की मासिक आवश्यकता 4.95 लाख मीट्रिक टन है जबकि प्रदेश के पास कुल 24.56 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध है।

केंद्रीय पूल के लिए हुई 830 लाख मीट्रिक टन की खरीद

  • केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, देश में खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) 2022-23 के दौरान भारत सरकार द्वारा धान की खरीद सुचारू रूप से चल रही है।

  • न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) संचालन के तहत 19 जून 2023 तक केंद्रीय पूल के लिए 830 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की गई है।

  • केएमएस 2022-23 के चल रहे धान खरीदी कार्यों से अब तक 1.22 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं और एमएसपी पर 200 करोड़ रुपये की निकासी हुई है।

  • 1,71,000 करोड़ सीधे किसानों के खातों में स्थानांतरित किए गए हैं। इसमें भी फोर्टिफाइड राइस के प्रोडक्शन और विपणन को व्यापक स्तर पर प्राथमिकता दी गई है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com