कोटा में मासूमों की मौत मामले पर केंद्र की हाईलेवल टीम करेगी जांच

राजस्थान के कोटा स्थित जे.के. लोन हॉस्पिटल में बच्‍चों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है, हालांकि आज केंद्र की हाईलेवल टीम जांच के लिए कोटा रवाना हो रही है।
Kota Hospital Infant Death Case
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राज एक्‍सप्रेस। राजस्थान में कोटा के जेके लोन हॉस्पिटल में नवजात शिशुओं की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, अभी तक 100 मासूमों की मौत की खबर थी, लेकिन अब इन मासूम बच्‍चों के मौत (Kota Hospital Infant Death Case) का आंकड़ा बढ़कर 104 पर पहुंच गया है, जिससे देश में हाहाकार मच गया।

केंद्र की हाई लेवल टीम पहुंचेगी कोटा :

कोटा के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा सहित आज 3 जनवरी को केंद्र की हाई लेवल टीम जांच के लिए कोटा रवाना होगी। कोटा के जेके लोन अस्पताल में लगातार हो रही बच्चों की मौत को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने एक उच्च स्तरीय टीम गठित की है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेष टीम में जोधपुर एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर, स्वास्थ्य, वित्त और क्षेत्रीय निदेशक शामिल हैं, साथ ही जयपुर से भी विशेषज्ञों को इसमें शामिल किया गया है, जो आज शुक्रवार को राजस्थान के कोटा स्थित जे.के. लोन हॉस्पिटल जाएंगे।

डॉ. हर्षवर्धन की राज्‍य के CM से बात :

इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने यह जानकारी भी दी कि, इस बारे में उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात की है और केंद्र सरकार की ओर से भी राजस्थान सरकार को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

बाल रोग विशेषज्ञ की टीम को राजस्थान के लिए रवाना किया गया है, जिससे बच्चों की मौत रोकी जा सके।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन

बता दें कि, ऐसा पहली बार नहीं है कि, कोटा में बच्‍चों की मौत का आंकड़ा सामने आ रहा हो, बल्कि इससे पहले भी बच्‍चों की मौत का सिलसिला चलता रहा है। यह है पहले के आंकड़े-

  • वर्ष 2014 में 15719 बच्चे भर्ती हुए, जिसमें 1198 बच्चों की मौत हुई थी।

  • वर्ष 2015 में 17579 बच्चे भर्ती हुए थे, जिसमें से 1260 बच्चों की मौत हुई थी।

  • वर्ष 2018 की तुलना में 2019 में नवजातों की मौत में कमी आई है।

  • वर्ष 2019 के दिसंबर माह से अब त‍क मासूमों की मौत का आंकड़ा 104 पर पहुंच गया है।

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार, जे.के. लोन हॉस्पिटल को वित्त वर्ष 2019-20 में 'नेशनल हेल्थ मिशन' के तहत 91 लाख रुपये की राशि पहले ही दी जा चुकी है। वहीं, कोटा जिले के लिए वित्त वर्ष 2019 -20 के लिए 27 करोड़ 45 लाख रुपये की राशी आवंटित हुई है। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा और भी वित्तीय मदद के लिए राजस्थान के CM से पेशकश की है।

क्यों हो रही है बच्चों की मौतें?

अब बात यह आती है कि, आखिर बच्चों की मौतें क्यों हो रही है? तो इस पर जेके लोन अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुरेश दुलारा का कहना है कि, सभी बच्चों की मौत कम वजन के चलते हुई। वहीं, कुछ अन्य रिपोर्ट के अनुसार, कुछ बच्चों के मौत का कारण निमोनिया, सेप्टिसिमिया, सांस की तकलीफ जैसी बीमारियां भी हैं।

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