हिंदी दिवस भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाने की याद दिलाता है। यह दिन 14 सितंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। 1949 में इस दिन, देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को भारत की संविधान सभा द्वारा भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था।
पूरे भारत में हिंदी के पक्ष में रैली करने और पैरवी करने वाले कई दिग्गजों के प्रयासों के कारण हिंदी दिवस की स्थापना की गई थी। उनमें से सबसे उल्लेखनीय थे, बेहर राजेंद्र सिम्हा, हज़ारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर, मैथिली शरण गुप्त और सेठ गोविंद दास सहित अन्य समर्थक हिंदी भाषियों के साथ बेहर राजेंद्र सिम्हा ने भी इस मुद्दे पर संसद में बहस की।
भारत के संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर, 1949 को सिम्हा की 50 वीं जयंती के अवसर पर हिंदी को अंततः आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया। निर्णय बाद में भारतीय संविधान द्वारा अनुमोदित किया गया, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।`
हिंदी दुनिया में चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था।
कुल मिलाकर, भारत की 22 अनुसूचित भाषाएँ हैं, जिनमें से, दो का उपयोग आधिकारिक तौर पर केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है- हिंदी और अंग्रेजी।
मंदारिन, स्पेनिश और अंग्रेजी के बाद 341 मिलियन देशी वक्ताओं के साथ हिंदी दुनिया में चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर देश को हिंदी दिवस की बधाई दी-
जब भी हम हिंदी की बात करते हैं, हम हिंदी साहित्य की आत्मा कहे जाने वाले माखनलाल चतुर्वेदी को कैसे भूल सकते हैं उनके द्वारा रचित कविता 'पुष्प की अभिलाषा' जो की हिंदी भाषा को और रोचक बना देती है कुछ इस प्रकार है-
चाह नहीं मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं, प्रेमी-माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं, सम्राटों के शव
पर हे हरि, डाला जाऊँ,
चाह नहीं, देवों के सिर पर
चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ।
मुझे तोड़ लेना वनमाली!
उस पथ पर देना तुम फेंक,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने
जिस पथ जावें वीर अनेक
- माखनलाल चतुर्वेदी
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।