BRICS में अन्य देशों को शामिल करने के खिलाफ क्यों है भारत?
BRICS में अन्य देशों को शामिल करने के खिलाफ क्यों है भारत?Syed Dabeer Hussain - RE

जानिए BRICS में अन्य देशों को शामिल करने के खिलाफ क्यों है भारत?

BRICS इस समय दुनिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली संगठन है और चीन अन्य देशों को इसमें शामिल करना चाहता है। करीब 40 देशों ने BRICS में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है। वहीं भारत ऐसा करने के खिलाफ है।

हाइलाइट्स :

  • BRICS समिट पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुई है।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BRICS समिट में शामिल होने के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंच गए हैं।

  • समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित अन्य देशों के प्रमुख भी शामिल होंगे।

  • रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वर्चुअली इस समिट से जुड़ेंगे।

राज एक्सप्रेस। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BRICS समिट में शामिल होने के लिए दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में पहुंच गए हैं। इस समिट में पीएम मोदी के अलावा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित अन्य देशों के प्रमुख भी शामिल होंगे। हालांकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वर्चुअली इस समिट से जुड़ेंगे। इस बार होने वाली BRICS समिट पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुई है। इसका कारण यह है कि BRICS इस समय दुनिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली संगठन है और चीन अन्य देशों को इसमें शामिल करना चाहता है। करीब 40 देशों ने BRICS में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है। वहीं दूसरी तरफ भारत ऐसा करने के खिलाफ है।

सदस्यता का आधार नहीं

दरअसल BRICS संगठन को दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को मिलाकर बनाया गया था। लेकिन आज तक इस संगठन में सदस्यता को लेकर कोई आधार या नियम नहीं है। ऐसे में भारत चाहता है कि पहले यह तय किया जाए कि किसी देश को किन आधारों पर इसमें शामिल किया जाए।

चीन की चाल

समय के साथ BRICS दुनिया में एक मजबूत संगठन बनकर सामने आया है। दुनिया की जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी 31 फीसदी से ज्यादा है। ऐसे में चीन इस संगठन को विस्तार देकर अमेरिका और यूरोपीय यूनियन को चुनौती देना चाहता है। वहीं भारत नहीं चाहता कि BRICS की पहचान अमेरिकी विरोधी संगठन के तौर पर हो।

चीन का दबदबा

चीन BRICS संगठन के भीतर अपना दबदबा बढ़ाने के लिए सऊदी अरब, यूएई, इंडोनेशिया और मिस्र जैसे देशों को इसमें शामिल करना चाहता है। बीते कुछ समय में चीन और सऊदी अरब के रिश्ते काफी मजबूत हुए हैं। ऐसे में भारत नहीं चाहता कि चीन अन्य देशों को BRICS में शामिल करवाकर अपना दबदबा बढ़ाए।

फैसले लेने में होगी चुनौती

BRICS संगठन के भीतर इस समय महज 5 सदस्य देश हैं। यही कारण है कि किसी भी फैसले पर यह संगठन आसानी से पहुंच जाता है। अगर इसमें ज्यादा देश होंगे तो फिर कोई फैसला लेने में भी अधिक परेशानी नहीं आएगी।

पाकिस्तान की एंट्री

इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान भी BRICS संगठन में शामिल होना चाहता है। ऐसे में अगर अभी ईरान, सऊदी अरब, इंडोनेशिया जैसी मुस्लिम देशों को शामिल किया जाता है तो कल से पाकिस्तान को भी इसमें शामिल करने की मांग उठ सकती है। पाकिस्तान जैसे आर्थिक रूप से पिछड़े देश को इसमें शामिल करने से संगठन कमजोर पड़ सकता है।

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