राज एक्सप्रेस। ओजोन को आप सीधे शब्दों में ऐसे भी समझ सकते हैं कि यह एक ऐसी सुरक्षा की परत है जो कई खतरनाक चीजों जैसे यूवी रेडिएशन या सोलर रेडिएसन को धरती तक आने से रोकती है, ओजोन लेयर ने हमारी पृथ्वी को चारों तरफ से घेरा हुआ है। इसी लेयर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर साल 16 सितम्बर को वर्ल्ड ओजोन डे के रूप में मनाया जाता है,ताकि लोगों को ओजोन लेयर के लिए जागरूक किया जा सके। चलिए बात करते हैं ओजोन के बारे में।
क्यों मनाते हैं वर्ल्ड ओजोन डे?
ओजोन डे को मनाने का सबसे बड़ा कारण लोगों को ओजोन के लिए जागरुक करना और ऐसी चीजों का उपयोग करने से रोकना है, जिनसे ओजोन लेयर को नुकसान होता है। दरअसल साल 1985 में मौसम विज्ञानी जोनाथन शंकलिन ने अंटार्कटिक में रिसर्च के दौरान ओजोन लेयर में एक छेद देखा था। इसके बाद साल 1994 में यूनाइटेड नेशन ने हर साल ने 16 सितंबर को वर्ल्ड ओजोन डे के रूप में मनाने का फैसला किया।
क्यों जरुरी है ओजोन लेयर?
जिस तरह हम धुल-धुंए जैसे प्रदुषण को रोकने के लिए मास्क का उपयोग करते हैं। ठीक उसी तरह ओजोन लेयर भी धरती के लिए जीवन रक्षक परत के रूप में काम करती है। यह लेयर सूर्य की यूवी रेडिएशन या सोलर रेडिएसन का असर कम करती है। जिसके चलते हम तक इसका दुष्प्रभाव नहीं पहुँच पाता। लेकिन यदि ओजोन लेयर में बड़ा छेद हो जाता है तो इसके प्रभाव हमें स्किन कैंसर, मोतियाबिंद, सनर्बन आदि के रूप में देखने को मिल सकते हैं। यह लेयर ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनी है, इसे O3 कहा जाता है।
क्या है इस साल की थीम?
इस साल वर्ल्ड ओजोन डे की थीम 'पृथ्वी पर जीवन की रक्षा के लिए वैश्विक सहयोग' रखी गई है। आपको बता दें कि ओजोन लेयर को डैमेज करने के लिए क्लोरीन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन-CFC, एचसीएफसी और हैलोन, हेलोकार्बन रेफ्रिजरेंट, सॉल्वैंट्स, प्रोपेलेंट, फोम-ब्लोइंग एजेंट जैसे कारक जिम्मेदार हैं।
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