कोरोना के खिलाफ विश्व और राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास

वैश्विक महामारी कोरोना को हारने के लिए विश्व से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं, तो कुछ के नतीजे काफी सकारात्मक भी हैं।
कोरोना के खिलाफ विश्व और राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास
कोरोना के खिलाफ विश्व और राष्ट्रीय स्तर पर प्रयासKratik Sahu-RE

राजएक्सप्रेस। देश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए विभिन्न वैज्ञानिक संस्थान, औद्योगिक जगत और अन्य इकाईया वैक्सीन और दवाओं को बनाने के लिए सतत प्रयास कर रही हैं और कुछ के नतीजे काफी सकारात्मक पाए गए हैं।

नीति आयोग के सदस्य, डॉ. विनोद कुमार पॉल और भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार, प्रोफेसर के विजय राघवन ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी द्वारा कोविड-19 से संबंधित टीकों, औषधि खोज, नैदानिकी और परीक्षण क्षेत्रों में जारी गतिविधियों पर गुरूवार को यहां मीडिया को यह जानकारी दी।

टीकों के संबंध में यह बताया गया कि, यह प्रक्रिया आमतौर पर धीमी और अनिश्चितताओं से भरी होती है। लेकिन, कोविड-19 के खिलाफ सफलता प्राप्ति के लिए बड़ी संख्या में समानांतर प्रयास करने की भी आवश्यकता है। ऐसा वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है। भारतीय शैक्षणिक समुदाय और स्टार्ट-अप वैक्सीन के लिए बहुत ही मजबूत प्रयास भारतीय वैक्सीन उद्योग में हो रहे हैं। तीन प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। पहला प्रयास स्वदेशी है। दूसरा प्रयास वैश्विक स्तर पर सहयोगात्मक है, जिसमें भारतीय संगठन अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं और तीसरा प्रयास वैश्विक प्रयास है जिसमें भारतीय भागीदारी है। इतने बड़े पोर्टफोलियो के साथ, विनिर्माण और भंडारण के लिए जोखिम कम करने के प्रयासों के बाद, सफलता का बेहतर आश्वासन मिलता है।

उन्होंने बताया कि वैक्सीन खोज पर हमारे वैज्ञानिक प्रयासों में तीन दृष्टिकोण अपनाए जा रहे हैं। पहला, मौजूदा दवाओं का पुन: प्रस्तुतिकरण, यह देखने के लिए कि यह वायरस के खिलाफ कितना प्रभावी है और रोग के परिणामों को कम करने में कितना सक्षम है। दूसरा, पादप-औषधीय और औषधीय पौधों से निकले अर्क का परीक्षण किया जा रहा है। अंत में, विभिन्न दृष्टिकोणों का उपयोग करते हुए, कम्प्यूटेशनल दवा की खोज के लिए 'हैकथॉन' सहित नई दवा की खोज की जा रही है।

अनुसंधान प्रयासों के एक सम्मिश्रण के नतीजे, नए परीक्षण और परीक्षण किट में सामने आए हैं। इनमें वायरस का पता लगाने और एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए नए परीक्षण भी शामिल हैं। बाद वाले का उपयोग सीरोलॉजिकल अध्ययनों के लिए किया जा रहा है। इन विकासों में प्रगति हमारे वैज्ञानिकों, संस्थानों और विज्ञान एजेंसियों के सहयोगात्मक प्रयासों से ही संभव हो सकी है। गुणवत्ता के साथ गति को मिलाकर, नियामक प्रणाली को भी बारीकी से जोड़ा गया है।

गौरतलब है कि भारत सरकार कोविड-19 की रोकथाम, उसे फैलने से रोकने और प्रबंधन के लिए एक श्रेणीबद्ध, पूर्व-नियोजित और व्यावहारिक दृष्टिकोण के माध्यम से, राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों के साथ अनेक कदम उठा रही है। उच्चतम स्तर पर इनकी नियमित रूप से समीक्षा और निगरानी की जा रही है। देश में इस समय चिकित्सा निगरानी के अंतर्गत आने वाले मामलों की संख्या 86,110 है। अब तक कुल 67,691 लोग ठीक हो चुके हैं। पिछले 24 घंटों में 3266 मरीजों का इलाज हो चुका है। इसके साथ ही इलाज के बाद स्वस्थ होने वाले लोगों की कुल दर 42.75% हो गई है।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। सिर्फ शीर्षक में बदलाव किया गया है। अतः इस आर्टिकल अथवा समाचार में प्रकाशित हुए तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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