पसीने से बुखार होगा कम, केवल मिथक, जानिए क्‍या है सच्‍चाई
पसीने से बुखार होगा कम, केवल मिथक, जानिए क्‍या है सच्‍चाईSyed Dabeer Hussain - RE

पसीने से बुखार होगा कम, केवल मिथक, जानिए क्‍या है सच्‍चाई

बुखार कोई बीमारी नहीं, लेकिन किसी बीमारी का लक्षण जरूर हो सकता है। बुखार छोटे बच्‍चे से लेकर बड़ों और बुजुर्गों किसी को भी आ सकता है। लोगों में इससे जुड़े कुछ भ्रम है, जिन्‍हें दूर किया जाना जरूरी है।

हाइलाइट्स :

  • शरीर का तापमान बढ़ना सामान्‍य प्रक्रिया है।

  • बुखार बताता है कि आपका इम्‍यून सिस्‍टम एक्टिव है।

  • शरीर के ज्‍यादा तापमान का मतलब बुखार नहीं होता।

  • बुखार में भूखे नहीं रहना चाहिए।

राज एक्सप्रेस। मौसम बदलते ही शरीर का तापमान बढ़ने लगता है और बुखार आ जाता है। कई बार वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण भी बुखार आ सकता है। ज्‍यादातर लोगों के लिए बुखार का मतलब है कि वे गंभीर रूप से बीमार हैं । इसलिए शरीर गर्म होते ही तुरंत डॉक्‍टर के पास भागते हैं। दरअसल, लोगों के मन में बुखार को लेकर लंबे समय से कुछ मिथक बने हुए हैं, जिस कारण लोग बुखार को गंभीर बीमारी मानने लगे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बुखार कोई बीमारी नहीं, लेकिन हां किसी बीमारी का लक्षण जरूर हो सकता है। तो अगर आपको या आपके बच्‍चे को बुखार आ जाए, तो बेवजह चिंतित होने के बजाय यहां बताए गए मिथकों और तथ्‍यों के बारे में जरूर पढ़ लें।

मिथक :

ज्यादा तापमान यानी गंभीर बीमारी।

फैक्ट :

तेज बुखार किशोरों और वयस्कों में गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। अगर बच्‍चा 12 साल से कम उम्र का है, तो उस पर यह बात लागू नहीं होती। दरअसल, छोटे बच्‍चों का इम्‍यून सिस्‍टम इतना व्‍यवस्थित नहीं होता, इसलिए यह हर रोगाणु पर पूरी ताकत से हमला करता है। इसीलिए बच्चों को साधारण सर्दी के कारण तेज़ बुखार आ जाता है।

मिथक :

बुखार का सामान्‍य तापमान 98.6 डिग्री है।

फैक्‍ट :

ज्‍यादातर लोगों को लगता है कि 98.6 बुखार का सामान्‍य तापमान है। इससे ज्‍यादा तापमान का मतलब बुखार होना है। लेकिन यह भ्रम है, जिसे लोग सालों से मानते आ रहे हैं। 98.6°, मुंह से लिया जाने वाला सामान्य तापमान है। अंडरआर्म का तापमान लगभग एक डिग्री कम हो सकता है। हार्मोन चक्रों के कारण आपका तापमान भी पूरे दिन बदलता रहता है। सोने से ठीक पहले मुंह का तापमान 100°सामान्य हो सकता है। 100.4°F से ज्‍यादा को बुखार माना जाता है।

मिथक :

बच्‍चा का शरीर गर्म यानी उसे बुखार है।

फैक्‍ट :

लोगों को लगता है कि बच्‍चे का शरीर गर्म है, यानी कि उसे बुखार है। दरअसल, वयस्कों की तुलना में बच्चों में मेटाबॉलिज्म रेट बहुत ज्‍यादा होती है। इससे कभी-कभी उनकी त्वचा ज्‍यादा गर्म महसूस होती है।

मिथक :

पसीना आने से बुखार कम हो जाता है।

फैक्‍ट :

ये गलत धारणा है कि पसीना आने से बुखार कम हो जाता है। कोल्‍ड स्‍पंजिग मरीज के बुखार को नियंत्रित करने का बेहतर तरीका है। बुखार में पसीना आने के लिए व्‍यक्ति को कंबल और स्वेटर पहनना भी सही तरीका नहीं है।

मिथक :

बुखार में भूखा रहना चाहिए।

फैक्‍ट :

यह सदियों पुराना मिथक है जो लोगों को गलत विश्वास दिलाता है कि भूखे रहने से बुखार ठीक हो जाएगा। इसके विपरीत, जब आपका शरीर किसी संक्रमण से लड़ रहा होता है तो उसे सही पोषण की जरूरत होती है, इसलिए आपको अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहना चाहिए । हालांकि हो सकता है कि आपकी भूख पहले से कुछ कम हो जाए, इसलिए पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने का प्रयास करें।

मिथक :

बुखार खराब होता है।

फैक्‍ट :

ज्‍यादातर लोग मानते हैं कि बुखार आना अच्‍छा नहीं होता। इसलिए बुखार आने पर टेंशन में आ जाते है। बुखार भले ही अनुकूल न लगे, लेकिन जरूरी नहीं कि यह आपका दुश्मन भी हो। बुखार आना शरीर के लिए अच्‍छा है। यह संक्रमण से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करता है। यह इस बात का संकेत है कि आपका शरीर संक्रमण से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहा है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com