राज एक्सप्रेस। 1 सितंबर से नेशनल न्यूट्रीशन मंथ या यों कहें की राष्ट्रीय पोषण आहार पखवाड़े की शुरुआत हो चुकी है। इस मिशन या पखवाड़े का उद्देश्य देशभर में लोगों को पौष्टिक आहार के प्रति जागरुक करने और नियमित रुप से सेवन करने से होने वाले फायदों के बारे में प्रेरित करने से है।
क्यों चलाया जा रहा है राष्ट्रीय पौष्टिक आहार मिशन?
राष्ट्रीय स्तर पर चलाए जा रहे इस मिशन का आधार आधुनिक जीवनशैली और अनुचित खानपान से होने वाली समस्याओं को खत्म करने से है । आमतौर पर लोग अपनी सेहत को नजरअंदाज कर पोषक तत्वों का सेवन न करते हुए बाहरी खानपान को अपनाते हैं जिसकी वजह से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जिसके कारण स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं पैदा होती हैं।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस मिशन की शुरुआत की गई, इस मिशन की कुछ मुख्य बातें जो आपको जानना जरूरी हैं-
- इस मिशन का मकसद पोषण के तहत आने वाले, कुपोषण, एनीमिया, कम वजन वाले शिशुओं के आंकड़ो के स्तर को कम करने से है।
- यह मिशन मुख्य रुप से पौषक आहारों से जुड़ी गतिविधियों पर निगरानी और नीतियो को निर्देशित करने का काम करता है।
- सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के क्षेत्रों को इसमें शामिल किया गया है, जहां अब तक 2017-18 के आंकड़ो में 315 जिले शामिल थे, वहीं 2018-19 के बीच 235 जिले शामिल हो गए हैं। 2019-20 के आंकड़े आना अभी बाकी हैं।
- बता दें कि इस मिशन पर अगले 3 साल के लिए लगभग 9048 करोड़ रु. निर्धारित किए गए हैं।
कौन से पौष्टिक आहारों से सेहत बनेगी बेहतर?
स्वास्थ के नजरिये से देखें तो डॉक्टर हमेशा अपने आहार में पौष्टिक आहारों को शामिल करने की सलाह देते हैं। ऐसे ही कुछ प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, और ओमेगा फैटी एसिडयुक्त पौष्टिक आहार हैं, जिनका सेवन कर आप स्वयं को सेहतमंद बना सकते हैं।
हारवर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के पोषण वैज्ञानिकों और अन्य ने स्वस्थ और संतुलित भोजन की थाली की एक गाइडलाइन तैयार की है जिसमें सभी पोषक आहार आते हैं।
आइए जानते है इसके बारे में-
आधी थाली मात्रा- यदि थाली को हम आधे हिस्से में बांट दे तो इसमें हम कई रंगो और प्रकारों के फल और सब्जियों को शामिल कर सकते है,यहां आलू को सब्जी नहीं माना गया है, क्योंकि इसमें रक्त शर्करा और ग्लुकोज को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं, जो सेहत पर असर डालता है।
एक-चौथाई थाली मात्रा- इस थाली मात्रा में साबुत और पूर्ण अनाजों जैसे- जौ, बाजरा,ज्वार, ब्राउन राइस, रोटी को शामिल किया गया है, जो रक्त शर्करा और इंसुलिन पर कम असर करता है।
एक-चौथाई थाली मात्रा- यह थाली प्रोटीनयुक्त आहारों में से एक होती है, जिसमें अंडा, मछली, दालें,अखरोट इसके मुख्य हैं, वहीं रेड मीट, चिकन आदि को कम खाने की सलाह देते हैं।
मध्यम मात्रा में- थाली के बीच में स्वस्थ खाने के तेल को शामिल किया गया है जहां वेजिटेबल तेलों में जैतून या ऑलिव, सोयाबीन,सनफ्लॉवर, सरसों,कनोला, मूंगफली को आप अपने खाने में उपयोग कर सकते हैं, वहीं कम वसा वाले तेल का सेवन न करें।
पानी और दूध या दूध से बनी चीजें जैसे-दही, पनीर, चीज का सेवन करें। दिन में लगभग 8-10 गिलास पानी पीए और एक गिलास फलों के रस को भी नियमित पीने की आदत डालें।
क्यों अपनाया जाए?
जैसा कि हमने अब तक जाना सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस मिशन का उद्देश्य लोगों को पौष्टिक आहारों का सेवन करने की ओर प्रेरित करने और ना खाने से होने वाली समस्यायों के प्रति जागरुक करने से है। लेकिन आज भी लोग पौष्टिक आहारों की ओर ध्यान नहीं देते है जो स्वास्थ के नजरिये से सही नहीं है। इसलिए इस मिशन का उद्देश्य ही यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस मिशन से जुड़कर स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली को अपनायें।
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