अंग ही नहीं, त्‍वचा का भी कर सकते हैं दान
अंग ही नहीं, त्‍वचा का भी कर सकते हैं दानRaj Express

अंग ही नहीं, त्‍वचा का भी कर सकते हैं दान, पर कब, जानते हैं यहां

त्‍वचा दान भी एक दान है जिसे कोई भी अपनी मृत्यु के बाद कर सकता है। भारत में यह नया कांसेप्ट है, जो न केवल हजारों लोगों की जान बचा रहा है बल्कि पीड़ितों को पहले जैसा खूबसूरत भी बना रहा है।

हाइलाइट्स :

  • भारत में स्किन डोनेशन नया कॉन्‍सेप्‍ट है।

  • मौत के बाद ही किया जा सकता है ये दान।

  • एसिड बर्न वाले मरीज के लिए वरदान है त्‍वचा दान।

  • डोनर की उम्र 18 वर्ष या उससे ज्यादा होना जरूरी।

राज एक्सप्रेस। कुछ दिनों पहले भाेपाल के हमीदिया हॉस्पिटल में एक महिला स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ता ने अपने पति की मृत्यु के बाद त्‍वचा का दान कराया। इस खबर के बाद लोगों को पता चला है कि अंगदान के साथ त्‍वचा का दान भी किया जा सकता है। बता दें कि भारत में हर साल 70 लाख से ज्‍यादा लोग जलने से होने वाली चोटों से ग्रसित होते हैं। इनमें से 80% महिलाएं और बच्चे हैं। ज्‍यादातर लोग ऐसे हैं, जिनकी त्‍वचा एसिड डाले जाने, आग लगाए जाने के कारण बुरी तरह जल गई है। जब व्‍यक्ति के शरीर का कोई अंग खराब हो जाता है, तो उसे बचाने के दान किया हुआ अंग लगाया जाता है, जो उसे एक सामान्‍य जीवन देता है। लेकिन जब किसी की त्‍वचा झुलस गई हो, तो क्‍या कर सकते हैं। क्‍या वह पहले जैसी त्‍वचा पा सकता है। ऐसा संभव है त्‍वचा दान से। जिसे स्किन डोनेशन भी कहा जाता है। भारत के ज्‍यादातर लोग स्किन डोनेशन के बारे में नहीं जानते, लेकिन यह एक ऐसा विकल्प है, जो न केवल किसी को जीवनदान सकता है बल्कि जरूरतमंद की खूबसूरती भी लौटा सकता है। इसका सबसे ज्‍यादा बेनिफिट एसिड बर्न वाले मरीज को मिलता है।

कैसे कर सकते हैं त्‍वचा का दान

बहुत से लोग नहीं जानते कि मौत के बाद त्वचा को कॉर्निया, अंगों या टिशू की तरह ही डोनेट कर सकते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में डोनर की स्किन को पांच साल तक स्‍टोर करके रखा जाता है। भारत में जहां स्किन बैंक है, डोनर की त्वचा को सुरक्षित तरीके से रखा जाता है । ताकि ये जले हुए लोगों के काम आ सके।

कहां कि स्किन कर सकते हैं डोनेट

स्किन डोनेशन का भी नियम है। आप शरीर के हर हिस्‍से की त्‍वचा को डोनेट नहीं कर सकते। नियम के अनुसार, त्वचा केवल पीठ, जांघों और पैरों से ली जाती है। किसी व्‍यक्ति की मृत्यु के 6 घंटे के भीतर त्वचा का दान करने का नियम बनाया गया है।

क्‍या है स्किन डोनेशन की पूरी प्रोसेस

नेत्रदान की तरह मृत्यु की स्थिति में, स्किन बैंक के लोग मृतक के घर पहुंच जाते हैं। स्किन को काटने का काम टीम द्वारा किया जाता है। इसके बाद एक्‍सपर्ट द्वारा मृत्यु के कारण की जांच की जाती है। स्किन कटिंग के समय, मृतक के शरीर से ब्‍लड सैंपल भी लिया जाता है और एचआईवी, वायरल मार्कर और हेपेटाइटिस के लिए टेस्‍ट स्किन बैंक में किया जाता है। इस पूरी प्रोसेस में लगभग 45 मिनट लगते हैं। बता दें कि हमारी त्वचा में 8 परतें होती हैं, लेकिन केवल 1/8वीं यानी त्वचा की सबसे ऊपरी परत ही काटी जाती है।

कौन कर सकता है स्किन डोनेट

स्किन कोई भी डोनेट कर सकता है। बस डोनर की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। यहां तक ​​कि 100 साल का व्यक्ति भी अपनी त्वचा दान कर सकता है। ध्‍यान रखें कि एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी, एसटीडी और सेप्टीसीमिया, किसी भी प्रकार के स्किन इंफेक्‍शन और स्किन कैंसर के लक्षण वाले लोगों को स्किन डोनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की परमिशन नहीं दी जाती।

कहां कर सकते हैं स्किन डोनेट

भारत के बड़े शहरों में स्किन बैंक बने हुए हैं। अगर आप त्‍वचा का दान करना चाहते हैं, तो दिल्‍ली, कर्नाटक, उड़ीसा, तमिलनाडु, कर्नाटक और मध्‍यप्रदेश में बने स्किन बैंक से संपर्क कर सकते हैं।

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