क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड स्लीप डे? जानिए क्या है इस दिन का इतिहास और महत्व?
World Sleep Day : हर व्यक्ति को स्वस्थ्य बने रहने के लिए जिस तरह व्यायाम और सेहतमंद खाने की जरूरत होती है। उसी तरह से नींद भी बेहतर स्वास्थ्य का एक अहम हिस्सा है। जिस व्यक्ति को भरपूर नींद मिलती है वह कम सोने वाले व्यक्ति की तुलना में अधिक एक्टिव रहता है। हालाँकि आजकल की बदलती लाइफस्टाइल के बीच खासकर युवाओं में नींद को लेकर कई समस्याएँ देखने को मिल रही हैं। युवा देर रात तक स्मार्टफोन या लैपटॉप पर लगे रहते हैं, और सुबह भी काफी देरी से उठते हैं। ऐसे में सभी लोगों को नींद का महत्व समझाने और नींद पूरी ना होने पर स्वास्थ्य में आने वाली समस्याओं से अवगत करवाने के लिए हर साल मार्च के तीसरे शुक्रवार को वर्ल्ड स्लीप डे के रूप में मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं इस दिन का इतिहास और महत्व।
क्या है वर्ल्ड स्लीप डे का इतिहास?
वर्ल्ड स्लीप डे को सबसे पहले साल 2008 के दौरान मनाया गया था। जिसके बाद से हर साल कई देश इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं। कई बड़ी कंपनियां भी ऐसी हैं जो इस खास दिन पर अपने कर्मचारियों को छुट्टी तक देती हैं ताकि वे चैन से सो सकें।
वर्ल्ड स्लीप डे का महत्व और उद्देश्य :
गौअर्त्लब है कि आज के समय में लोगों का लाइफस्टाइल पहले के मुकाबले काफी बदल गया है। आज व्यक्ति के सोने और उठने का समय निर्धारित नहीं है। इसके अलावा लोग पूरी नींद भी बमुश्किल ही ले पाते हैं। इसी नींद की कमी से लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई लोगों में नींद की यह कमी एक आदत भी बन जाती है। लोगों को नींद के प्रति जागरूक करने और उन्हें यह समझाने की जिस तरह हमारे लिए खाना जरुरी होता है उसी तरह नींद भी हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है, यह खास दिन मनाया जाता है।
वर्ल्ड स्लीप डे थीम :
इस साल वर्ल्ड स्लीप डे 2023 के लिए 'स्लीप इज एसेंशियल फॉर हेल्थ' का निर्धारण किया गया है। आज दुनियाभर में आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम इसी थीम पर आधारित होने वाले हैं।
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