दुनिया के टॉप डेजर्ट में शामिल हुई भारत की ये दो मिठाइयां, इसमें से एक को तो माना जाता है विदेशी मिठाई
हाइलाइट्स
भारतीय लोगों के आहार का मुख्य हिस्सा हैं मिठाइयां।
रसमलाई, काजू कतली हैं लोगों की फेवरेट।
टॉप डेजर्ट की लिस्ट में रसमलाई 31, काजू कतली 41 स्थान पर रही।
मुगल काल की मानी जाती है काजू कतली।
राज एक्सप्रेस। हर भारतीय के लिए मिठाई के प्रति प्यार छिपाए नहीं छिपता। कोई खास मौका हो या कुछ मीठा खाने का मन हो, तो मिठाई बेस्ट ऑप्शन है। भारत में कई तरह की मिठाइयां मिलती हैं, जिनमें से कुछ लोगों की सबसे ज्यादा फेवरेट हैं। इनमें से दो भारतीय मिठाइयों को हाल ही में वैश्विक मान्यता मिली है। दरअसल, TasteAtlas ने इंस्टाग्राम पर 'दुनिया की 50 टॉप डेसर्ट' की एक लिस्ट शेयर की है। इसमें भारत समेत दुनिया के अलग-अलग कोनों की मिठाइयां शामिल थीं। लिस्ट में टॉप पर फ्रांस की क्रेप मिठाई रही। जबकि रसमलाई को 31वां और काजू कतली को 41वां स्थान दिया गया है।

91 सालों से मुंह में स्वाद घोल रही है रस मलाई
रस मलाई भारतीय लोगों की फेवरेट मिठाई है। यह सन 1932 में अस्तित्व में आई। इस समय भारत के कोलकाता शहर में एक पिता-पुत्र की जोड़ी ने एक नई मिठाई का एक्सपेरिमेंट किया था।
साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट के चलते बनी थी रसमलाई
आप सोच भी नहीं सकते, कि कोई मिठाई साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट के चलते भी बनाई जा सकती है। लेकिन रसमलाई ऐसे ही बनाई गई है। इसका एक्सपेरिमेंट हुआ था कोलकाता की सबसे चर्चित मिठाई की दुकान पर, जिसे सभी दास परिवार की दुकान कहते थे। दास परिवार के सारदा चरण रिसर्च असिस्टेंट थे। उन्होंने रिवर्स ऑस्मोसिस के बारे में पढ़ रखा था। इस प्रोसेस की मदद से उन्होंने पहले रसगुल्ले को प्रिजर्व करना सीखा। फिर उन्होंने मीठे दूध को गर्म करके रसगुल्ले को इसमें भिगोया। उनका यह एक्सपेरिमेंट सफल हुआ और यहीं से आई रसमलाई।
क्या रसमलाई स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है
एक्सपर्ट कहते हैं की रसमलाई स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं होती। अगर यह आपकी फेवरेट है तो आप स्वाद के लिए कभी-कभी इसका सेवन कर सकते हैं। डायबिटीज वालों को खासतौर से रसमलाई के सेवन से बचना चाहिए।
काजू कतली मिठाई क्या है?
काजू कतली पूरे देश में खाए जाने वाले सबसे प्रसिद्ध भारतीय मीठे व्यंजनों में से एक है। हीरे के आकार की यह मिठाई एक विदेशी मिठाई मानी जाती है। दिलचस्प बात यह है कि लोगों में इसका क्रेज कभी कम नहीं होता। यह लोगों के कई सुनहरे अवसरों का हिस्सा होती है।
काजू कतली का इतिहास
काजू कतली मुगल काल के समय की है। जहांगीर के शासनकाल में इसे सबसे पहले बनाया गया था। उन्होंने सिख गुरु को सम्मान देने के उद्देश्य से इसे बनवाया था, जिसमें गाढ़े दूध, कुचले हुए काजू और बादाम का इस्तेमाल किया गया था। पहले इसे काजू बर्फी के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में यह मिठाई काजू कतली के नाम से फेमस हुई।
कितनी हेल्दी है काजू कतली
काजू कतली कई अलग-अलग इंग्रीडिएंट्स से मिलाकर बनाई जाती है। इसलिए यह काफी पौष्टिक है। इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले काजू पोषण का बेहतरीन स्त्रोत है। हालांकि, हीरे के आकार की मिठाई में चीनी भी होती है। अगर बहुत अधिक मात्रा में काजू कतली का सेवन किया जाए तो यह एक हेल्दी ऑप्शन नहीं है। इसलिए, इसे हमेशा सीमित मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है।
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