राज एक्सप्रेस। भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस (CDS) बिपिन रावत भी दिल्ली में चल रहे रायसीना डायलॉग में शामिल हुए और इस दौरान उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कुछ बयान दिए, जिसको लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कटाक्ष करते हुए सवाल पूछे हैं।
क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी?
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते यह सवाल पूछे, जो इस प्रकार हैं-
भीड़ हिंसा करने वाले और उनके आकाओं को कट्टरपंथ से कौन मुक्ति दिलाएगा?
असम के बंगाली मुसलमानों के लिए नागरिकता का विरोध करने वालों के बारे में क्या?
शायद 'बदला' योगी और 'पाकिस्तान जाओ' कहने वाले मेरठ के एसपी को कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाई जाएगी?
शायद उन लोगों को कट्टरपंथ से दूर किया जाएगा जो एनपीआर-एनआरसी के जरिए हमारे ऊपर मुसीबतें थोप रहे हैं?’’
साथ ही ओवैसी का यह कहना भी है कि, ''रणनीति बनाना प्रशासन का काम है, कोई जनरल रक्षा को लेकर रणनीति तय नहीं कर सकता और यह उनका (बिपिन रावत) पहला हास्यास्पद बयान नहीं है। नीति का निर्णय नागरिक प्रशासन करता है, न कि कोई जनरल... नीति या राजनीति पर बात करके बिपिन रावत सिविलियन सुपरमेसी को कम कर रहे हैं।''
क्या था CDS विपिन रावत का बयान?
दरअसल, रायसीना डायलॉग में CDS विपिन रावत ने अपने बयान में कहा था, कट्टरवादी विचारधारा से निपटने की जरूरत है, एक मुहिम चलाकर ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए और उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं, आतंक और पाकिस्तान पर उन्होंने कहा था कि, हमे आतंक से लड़ने के लिए अमेरिका जैसी रणनीति पर अमल करना चाहिए। जब तक आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश हैं, तब तक हमें इस खतरे का सामना करते रहना होगा, हमें इससे निर्णायक ढंग से निपटना होगा। जैसे ही CDS द्वारा यह बात सामने आई कि, भारत में कट्टरपंथ से निपटने के लिए विशेष कैंप चलाए जा रहे हैं, इसी बात को लेकर ओवैसी ने यह सवाल खड़े कर दिए।
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