CAA के खिलाफ आज प्रस्ताव पारित करवा सकती है ममता सरकार

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में राज्य सरकार अपने सदन में प्रस्ताव लाने में जुटी हुई हैं। 3 राज्‍यों के बाद अब चौथा राज्‍यच पश्चिम बंगाल आज इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पेश करेगा।
CAA के खिलाफ आज प्रस्ताव पारित करवा सकती है ममता सरकार
CAA के खिलाफ आज प्रस्ताव पारित करवा सकती है ममता सरकारSocial Media

राज एक्‍सप्रेस। देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है, एक ओर जब से यह कानून बना तभी से कहीं न कहीं इस कानून के खिलाफ लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहा है, तो वहीं दूसरी ओर राज्य सरकारें CAA के विरोध में अपने-अपने सदन में प्रस्ताव लाने में जुटी हुई हैं। अब पश्चिम बंगाल की विधानसभा में भी आज अर्थात 27 जनवरी को सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जाएगा और ऐसा करने वाला यह चौथा राज्य बन जाएगा।

ममता सरकार लाएगी सदन में प्रस्ताव :

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस आज सदन में प्रस्ताव लाएगी। ममता सरकार द्वारा लाए जा रहे इस प्रस्ताव का लेफ्ट और कांग्रेस दोनों ही समर्थन कर रहे हैं। इसके साथ ही बंगाल सरकार इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट भी जाएगी। वैसे तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पहले ही कह चुकी है कि, वह 'नागरिकता संशोधन कानून' के खिलाफ है।

यह 3 राज्‍य प्रस्ताव कर चुके पारित :

जानकारी के लिए बताते चलें कि, इससे पहले यह तीन राज्‍यों 'केरल, पंजाब और राजस्थान' नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुके हैं। राजस्थान ऐसा तीसरा राज्य है, जिसनें CAA के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया हो, हालांकि सबसे पहले केरल और फिर पंजाब की राज्य सरकार द्वारा इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है।

तेलंगाना भी इस कानून के प्रस्‍ताव में :

वहीं, इन राज्यों के अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने भी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध किया है और उनका कहना है कि, ''सीएए एक गलत फैसला है, हम एक विशेष सत्र बुलाकर सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव लाएंगे। हम जल्द ही इस मुद्दे पर दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे, भारतीय जनता पार्टी (BJP) देश को हिंदू राष्ट्र बना रही है।''

देखा जाएं तो अगर तेलंगाना सरकार द्वारा भी CAA के खिलाफ सदन से प्रस्ताव पारित किया जाता है, तो यह पांचवा ऐसा राज्‍य होगा एवं बाकी राज्‍यों में शामिल हो जाएगा, जो इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास कर चुकी है।

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