मजदूरों के लिए केन्द्र सरकार के पास कोई राष्ट्रव्यापी ठोस नीति नहीं

राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगते हुए कहा है कि उनके पास मजदूरों की मदद के लिए कोई ठोस नीति नहीं है।
मजदूरों के लिए केन्द्र सरकार के पास कोई राष्ट्रव्यापी ठोस नीति नहीं
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राजएक्सप्रेस। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केन्द्र सरकार पर लाकडाउन में श्रमिकों की मदद के लिए आगे नहीं आने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने मजदूरों के लिए राष्ट्रव्यापी ठोस नीति नहीं बनाई वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस द्वारा की जा रही मजदूरों की मदद में अड़ंगा डाला।

पायलट ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस ने मजदूरों की मदद की पेशकश की और एक हजार बसों का इंतजाम किया लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने बहाना बना कर उसे अनुमति नहीं दी। अनुमति दी भी गई तो कहा गया कि पहले बसों को लखनऊ भेजा जाए। बहाने बनाए गए, बसों में कमी निकाली गई और कांग्रेस नेताओं पर मुकदमे दर्ज किए गए।

उन्होंने कहा कि मदद लेने से कोई छोटा नहीं होता, उत्तर प्रदेश सरकार के इस रवैये को दुनिया ने देखा है। उत्तर प्रदेश सरकार का जो रवैया रहा है उसकी भर्त्सना करते हैं। कांग्रेस ने जो पहल की गई, उसे नकारा गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार देखने में आ रहा है कि सत्ताधारी लोग विपक्ष पर आरोप लगा रहे हैं और वह भी मदद के मामले में।

उन्होंने कहा कोरोना वायरस के चलते लागू लाकडाउन में लाखों श्रमिक अलग-अलग राज्यों में भूखे प्यासे पैदल चलने को मजबूर हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निर्णय लिया कि श्रमिकों को घर पहुंचाने का खर्चा कांग्रेस वहन करेगी, इसके बाद हलचल बढ़ी, इससे पहले कोई व्यवस्था नहीं थी। केंद्र के पास मजदूरों के लिए कोई ठोस नीति नहीं है, कांग्रेस की पहल पर केन्द्र ने श्रमिकों के लिए व्यवस्था की। कांग्रेस ने मजदूरों के लिए एक हजार बसों का इंतजाम किया लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने बसों को अनुमति नहीं दी।

इस अवसर पर राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मजदूरों की मदद के लिए कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश सीमा पर 1032 बसें भेजी लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की अवेहलना की है, जिसने लाकडाउन में गत मार्च में आदेश निकाला, जिसमें कहा गया कि इस समय परमिट एवं फिटनेस के नाम पर नहीं टोकेंगे। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने मजदूरों के लिए एक हजार बसों को अनुमति नहीं दी।

उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार के आदेश की अवेहलना करने को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

कोटा से विद्यार्थियों को उत्तर प्रदेश भेजने पर राजस्थान सरकार के उत्तर प्रदेश सरकार को 36 लाख रुपए का बिल भेजने के मामले में खाचरियावास ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने विद्यार्थियों के लिए बसें भेजी और उनमें डीजल राजस्थान से भरवाया तथा उसका बिल भी मांगा। इस पर हमने 36 लाख रुपए का बिल भेजा और उसमें 19 लाख रुपए चुका भी दिए।

उन्होंने कहा कि राजस्थान रोडवेज से मजदूरों को नि:शुल्क भेजा है। इसके लिए दो करोड़ छह लाख रुपए वहन किए गए हैं।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। सिर्फ शीर्षक में बदलाव किया गया है। अतः इस आर्टिकल अथवा समाचार में प्रकाशित हुए तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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