लखनऊ के किसान सम्मेलन में CM योगी ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर बोला करारा हमला

उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में आयोजित किसान सम्मेलन में शामिल हुए, इस दौरान उन्‍होंने अपने संबोधन में सपा-बसपा की सरकारों पर बोला हमला...
लखनऊ के किसान सम्मेलन में CM योगी ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर बोला करारा हमला
लखनऊ के किसान सम्मेलन में CM योगी ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर बोला करारा हमलाSyed Dabeer Hussain - RE

उत्‍तर प्रदेश, भारत। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज रविवार को लखनऊ में किसान सम्मेलन में पहुंचे, इस दौरान उन्‍होंने किसान सम्मेलन को संबोधित किया।

किसी का चेहरा देखकर कोई काम नहीं किया जाएगा :

लखनऊ में किसान सम्मेलन को संबोधित कर CM योगी ने कहा- 2004 से लेकर 2014 तक का शासन आपने देखा होगा? देश और प्रदेश के लिए अंधकार युग था। यूपी का विकास एकदम रुक गया था। अराजकता व गुंडागर्दी का बोलबाला था। कोई सुरक्षित नहीं था। प्रदेश का किसान आत्महत्या व गरीब भूख से मर रहा था। 2014 में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने शपथ लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा था कि, उनकी सरकार गांव, गरीब, किसान, महिला, शोषित और वंचित के लिए काम करेगी। किसी का चेहरा देखकर कोई काम नहीं किया जाएगा।

सपा-बसपा पर साधा निशाना :

इस दौरान CM योगी ने सपा-बसपा पार्टी पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि, ''सपा-बसपा की सरकारों नें किसानों की उपज खरीदने की व्यवस्था क्यों नहीं की। जो आज किसानों के हितैषी बने हैं, वो तब कहां थे। बसपा की सरकार में औने-पौने दाम पर चीनी मिलें बेची गईं। 250 करोड़ की चीनी मिलें 25-30 करोड़ रुपये में बिक गईं। सपा की सरकार में 11 चीनी मिलें बंद हुईं।''

अन्नदाताओं की ताकत का अहसास सरकार को है। दुनिया जब सोती है तब हमारा अन्नदाता किसान रात्रि में, दिन की धूप में, सर्दी की परवाह किए बगैर दिन-रात एक कर इस धरती माता से अन्न उत्पन्न करता है और उसी अन्न से इस धरती के प्रत्येक व्यक्ति का पेट भरता है।

उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ

CM योगी ने अपनी सरकार को लेकर कही ये बातें-

  • अगर हम गेहूं खरीद की बात करें, तो पिछली सरकार ने 19,02,098 किसानों को 12,808 करोड़ रुपए का भुगतान किया था।

  • हमारी सरकार ने 43,75,574 किसानों को 36,504 करोड़ रुपए का गेहूं भुगतान उनके खाते में किया।

  • हमारी सरकार में चीनी मिलें बंद नहीं हुईं, बल्कि बंद पड़ी चीनी मिलों को चलाने का काम किया।

  • 2017 में 8 वर्षों से गन्ने का भुगतान बकाया था। पिछली सरकारों में गन्ने का भुगतान नहीं हुआ था, जिससे किसान परेशान था। चीनी मिलें बंद हो रही थीं।

  • इच्छाशक्ति वाली भाजपा सरकार ने टीमवर्क के साथ काम किया। चीनी मिलों को चालू कराने का काम किया।

  • जब किसान आत्महत्या कर रहा था, तब सपा, बसपा और कांग्रेस के लोग कहां थे? पिछली सरकारें किसानों के पेट पर लात मार रही थीं।

  • पिछली सरकारों में गन्ना किसानों को अपनी उपज जलाने की नौबत थी, क्योंकि उस असमय चीनी मिलें बंद हो जाती थीं। पिछली सरकार में काम करने के लिए साफ नीयत और सही सोच दोनों नहीं थे।

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