राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में एक्जिट पोल पर पाबंदी लगायी गयी है।अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अरूण कुमार तोमर ने बताया है कि भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में झाबुआ विधानसभा उप-चुनाव के संबंध में एक्जिट पोल पर पाबंदी लगायी है। आयोग द्वारा निर्धारित अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के एक्जिट पोल के संचालन और उसके परिणामों तथा ऐसे एक्जिट पोल के परिणाम के प्रसार पर प्रतिबंध रहेगा। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के अंतर्गत भारत निर्वाचन आयोग 21 अक्टूबर,2019 (सोमवार) को पूर्वांह 7:00 बजे से अपरांह 6:30 बजे के बीच की अवधि को, ऐसी अवधि के रूप में अधिसूचित करता है, जिसके दौरान उप-निर्वाचनों के संबंध में किसी भी प्रकार के एक्जिट पोल का संचालन तथा प्रिंट अथवा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा इसका प्रकाशन अथवा प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से उसके प्रसार पर प्रतिबंध रहेगा।
आयोग ने स्पष्ट किया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अधीन साधारण निर्वाचनों तथा उप-निर्वाचनों के संबंध में संबंधित मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले का, किसी भी ओपीनियन पोल अन्य किसी पोल सर्वे के परिणामों सहित, प्रदर्शन किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से करने पर प्रतिबंध रहेगा।
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अरूण कुमार तोमर ने बताया है कि झाबुआ विधानसभा उप-चुनाव में ऐसे सभी निर्वाचक, जिन्हें फोटो पहचान पत्र जारी किए गए हैं, मतदान स्थल पर अपना मत डालने से पहले अपनी पहचान सुनिश्चित करने के लिये अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र दिखाएंगे। ऐसे निर्वाचक, जो अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए अन्य वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
वैकल्पिक दस्तावेजों में पासपोर्ट, ड्राइविंग लायसेंस, राज्य /केन्द्र सरकार के लोक उपक्रम, पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र, बैंकों/डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, पेन कार्ड, एनपीआर के अंतर्गत आरजीआई द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, सांसदों, विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र एवं आधार कार्ड सम्मिलित हैं। प्रवासी निर्वाचकों को, जो अपने पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर निर्वाचक नामावलियों में पंजीकृत हैं, मतदान केन्द्र में केवल उनके मूल पासपोर्ट के आधार पर ही पहचाना जाएगा।
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