सिंधिया समर्थकों को आखिर भाजपा कैसे रखेगी खुश

MP में कमलनाथ सरकार का बचना नामुमकिन है तो वहीं भाजपा की सरकार बनने का रास्ता साफ, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि, आखिर भाजपा इतने सारे नेताओं को कहां से टिकट देगी और किस पद पर बैठाएगी?
How BJP Will Manage Scindia Supporters
How BJP Will Manage Scindia SupportersPriyanka Sahu -RE

राज एक्‍सप्रेस। मध्‍यप्रदेश की राजनीति में पल भर में अचानक से उलटफेर हो गया है, क्‍योंकि कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनके समर्थक 22 विधायकों ने होली वाले दिन पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया है। मध्य प्रदेश में तेजी से बदले सियासी घटनाक्रम तथा इस सबसे बड़े राजनीतिक हंगामे के बाद यहां एक तरफ प्रदेश में कमलनाथ सरकार का बचना मुश्किल है, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा की सरकार बनने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि, आखिर भाजपा इतने सारे सिंधिया समर्थकों को कहां से टिकट देगी और किस पद पर बैठाएगी? क्‍या भाजपा इतने सारे सिंधिया समर्थकों को खुश रखेगी?

इस बात पर आशंका :

दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के केंद्रीय नेतृत्व में इस बात को लेकर आशंका है कि, आखिर भाजपा ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक व कांग्रेस के जो बड़े नेता हैं, उन्‍हें भाजपा कैसे संभालेगी... अब आप सोच रहे होंगे कि, कैसे संभालेगी मतलब क्‍या? तो हम यह कहना चाह रहे हैं कि, भाजपा में अगर कांग्रेस के बड़े नेता शामिल होते हैं, तो वह टिकिट भी मांगेंगे साथ ही पद की भी मांग करेंगे, लेकिन इतने सारे नेताओं को पद कहां से और कैसे दिया जाएगा।

भाजपा में सिंधिया की क्‍या भूमिका :

खबरों के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि, कांग्रेस में बगावत करने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यसभा सदस्य बनकर मोदी सरकार में मंत्री बन सकते हैं या फिर एमपी की सरकार में उनकी कोई भूमिका हो सकती है, हालांकि ज्योतिरादित्य की भाजपा में क्‍या भूमिका रहेगी, फिलहाल इस पर अभी कोई तस्वीर साफ नहीं हो पाई है।

क्‍या बनेगी नई पार्टी :

इस अशंका को लेकर अगर देखा जाए कि, कांग्रेस के इतने सारे नेता यानी की ज्योतिरादित्य सिंधिया व 22 विधायकों को कोई पद या टिकट नहीं मिलता है तो क्‍या वह ऐसेे में नई पार्टी बनाएंगे और अगर नई पार्टी बनती है, तो फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के लिए अर्थहीन साबित होंगे, क्‍योंकि फिर पार्टी अलग रहेगी, तो प्रदेश में भाजपा की सरकार भी नहीं बनेगी।

बता दें कि, 1993 में मध्य प्रदेश में जब दिग्विजय सिंह की सरकार थी, तब माधवराव सिंधिया ने पार्टी में उपेक्षित होकर कांग्रेस का साथ छोड़कर अपनी अलग पार्टी 'मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस' बनाई थी, हालांकि बाद में वे कांग्रेस में वापस लौट गए थे। मौजूदा सियासी हलचल को देखते हुए हो सकता है कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपने पिता के नक्‍शेकदम पर चलते हुए ऐसा ही कुछ ऐलान करें और भाजपा में शामिल न हों?

ऐसे में एक सवाल यह भी है कि, अगर अब ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल होने से इन्कार करेंं, तो दिक्कत और वापस पलटने की गुंजाइश को देखा जाए तो वह बेहद कम ही नजर आ रही है। माना जाए तो पीछे पलटने की करीब 1% की गुंजाइश ही है।

ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.co