लोकसभा में अंतर-सेवा संगठन विधेयक, 2023 पास
लोकसभा में अंतर-सेवा संगठन विधेयक, 2023 पासRaj Express

सैन्य सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम, लोकसभा में अंतर-सेवा संगठन विधेयक, 2023 पास

अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 लोकसभा में पास हुआ। राजनाथ सिंह ने कहा- मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह विधेयक सैन्य सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

हाइलाइट्स :

  • लोकसभा में अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 पास

  • राजनाथ सिंह बोले- सेनाओं के तीनों अंगों में एकीकरण और एकजुटता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

  • राजनाथ सिंह अनुशासन को बताया सेना की आत्मा

दिल्ली, भारत। संसद के मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एक के बाद एक बिल पास किया जा रहे हैं। अब आज शुक्रवार को भारतीय सेवा से जुड़ा एक अहम बिल लोकसभा से पास हुआ है।

दरअसल, अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 लोकसभा में पारित हुआ। इस बिल के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह विधेयक सैन्य सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विधेयक में कोई अतिरिक्त वित्तीय निहितार्थ शामिल नहीं है। यह विधेयक हमारी सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंगों में एकीकरण और एकजुटता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे वे एकजुट और एकीकृत तरीके से भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में सरकार, लगातार नए-नए सुधार के माध्यम से राष्ट्र को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने, लगभग हर क्षेत्र में नई-नई पहलें की हैं। पुराने अनेक क़ानूनों का खात्मा किया है। जहां जरूरत पड़ी है, वहाँ पुराने नियमों-क़ानूनों में संशोधन किया है; और जहाँ जरूरत पड़ी है, वहाँ नए नियम-कानून परिचय देना भी किए हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

आगे उन्होंने यह भी कहा कि, यह विधेयक, दो महत्वपूर्ण मकसदों को एक साथ पूरा करता है। यह एक ऐसा वातावरण बनाने में भी मदद करेगा, जो हमारे अंतर-सेवा संगठन में अनुशासन को मजबूत करेगा। अनुशासन सेना की आत्मा है। यह उनके चरित्र और संकल्प को मजबूत करता है। यह आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के साथ-साथ, एक इकाई या स्थापना के सैनिकों को एकजुट करने में भी मदद करता है। वर्तमान में, भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के कर्मी, अपने संबंधित अधिनियम, यानी सेना अधिनियम 1950, नौसेना अधिनियम 1957 और वायु सेना अधिनियम 1950 के तहत बनाए गए नियम और कानून के अनुसार शासन करते हैं। संयुक्त रूप से, या एकजुट होकर कार्य करने के लिए, Integration की आवश्यकता होती है। संयुक्तता को पदोन्नति करने के लिए जो भावना होनी चाहिए, वह इस Bill में है। यह अंतर-सेवा संगठन के प्रमुखों को बेहतर अनुशासनात्मक एवं प्रशासनिक शक्तियाँ प्रदान करता है, जिससे वे अपने organisations में प्रभावी आदेश, नियंत्रण और अनुशासन ला सकेंगे, और हमारे सुरक्षा ढांचे को और भी मजबूत बनाएंगे।

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