इंतजार में बैठे दलबदलू नेताओं को नहीं मिल रही जिम्मेदारी

नई दिल्ली: दल बदल कर भाजपा मेें शामिल हुए कई नेताओं को तो पार्टी ने तोहफा दे दिया है, लेकिन कुछ नेता अभी भी लाइन में प्रतीक्षारत खड़े हुए है और इंतजार कर रहे हैं।
इंतजार में बैठे दलबदलू नेताओं को नहीं मिल रही जिम्मेदारी
इंतजार में बैठे दलबदलू नेताओं को नहीं मिल रही जिम्मेदारीNeha Srivastava - RE
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राज एक्‍सप्रेस। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले या बाद में जिन नेताओं ने अपना दल बदल कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थामा हैं, उन्हें आज भी कुछ प्राप्ति की उम्मीद है। हालांकि भाजपा पार्टी ने कुछ दलबदलू नेताओं को तो तोहफा दे दिया है, लेकिन बहुत से नेता अभी लाइन में ही प्रतीक्षारत खड़े हुए कि, उनका नंबर कब आएगा।

इन नेताओं को मिल चुकी जिम्‍मेदारी :

महाराष्ट्र में नारायण राणे और हरियाणा में बीरेंद्र सिंह तक राज्यसभा में भेजे गए। मंत्री पद भी मिला, हाल ही में समाजवादी पार्टी से भाजपा में नीरज शेखर को भी राज्यसभा मिल गया।

इंतजार में बैठे ये नेता :

कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए संजय सिंह को अभी और इंतजार करना होगा। वे असम से राज्यसभा सांसद थे, चूंकि उनका कार्यकाल अगले साल अप्रैल में ही खत्म हो रहा था, इसलिए वहां उपचुनाव नहीं होगा। उन्हें अगले साल अप्रैल के द्विवार्षिक चुनाव या साल के अंत में होने वाले यूपी की राज्यसभा सीटों के चुनाव तक इंतजार करना होगा। इससे पहले उन्हें राज्यसभा की सीट मिल जाएगी, इस पर संदेह है।

मुकुल रॉय 2 साल से कर रहे इंतजार :

कांग्रेस से निकलकर तृणमूल कांग्रेस होते हुए भाजपा में शामिल हुए मुकुल रॉय को इंतजार करते हुए दो साल हो गए। शारदा चिटफंड के आरोपी राॅय की नजर हो सकता है मुख्यमंत्री की सीट पर हो। मगर सितंबर 2017 में तृणमूल छोडने के बाद वे नवंबर में भाजपा में शामिल हुए थे। तब से आज तक उन्हें इंतजार हैं। देखते ही देखते पश्चिम बंगाल से भाजपा के दो से बढ़ कर 18 लोकसभा सांसद हो गए, मगर उन्हें अभी कुछ नहीं मिला है। उनको भी अगले साल अप्रैल में होने वाले द्विवार्षिक चुनावों का इंतजार है। माना जा रहा है कि, इस बार भाजपा उनको कहीं से राज्यसभा भेज सकती है।

राज्यसभा के इंतजार में बैठे वैजयंत पांडा :

वहीं ओड़िशा में बीजू जनता दल छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए वैजयंत पांडा उर्फ जय पांडा भी राज्यसभा के इंतजार में बैठे हैं। वह लोकसभा का चुनाव लड़ेें थे मगर हार गए थे। लोकसभा चुनाव के बाद ओड़िशा में राज्यसभा की 3 सीटों के उपचुनाव हुए, जिसमें भाजपा ने एक सीट बीजू जनता दल से मांग कर ली। सूत्र बताते हैं कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद बीजद नेता और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात की थी। वह जब राजी हो गए तो भाजपा ने यह सीट एक पूर्व आईएएस अधिकारी को दे दी, इसलिए पांडा का भी इंतजार लंबा हो गया है।

सम्राट चौधरी को अगले साल तक करना होगा इंतजार :

बिहार में नीतीश कुमार सरकार में मंत्री रहे सम्राट सम्राट चौधरी को भी भाजपा में शामिल हुए काफी दिन हो गए। वे संगठन में तो प्रदेश के उपाध्यक्ष हैं पर वे भी राज्यसभा के इंतजार में हैं, उनको भी अगले साल तक इंतजार करना होगा।

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