पश्चिम बंगाल, भारत। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्ता की लड़ाई काफी दिलचस्प नजर आ रही थी। इसी बीच अब इस राज्य की सियासत में 'गौत्र पॉलिटिक्स' की एंट्री हो गई। दरअसल, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा अपने गौत्र संबंधी बयान देकर या कहे गौत्र का खुलासा कर मुसीबत मोल ले ली है, क्योंकि उनके इस बयान केे बाद वे असदुद्दीन ओवैसी के साथ-साथ अब भाजपा नेताओं के भी निशाने पर आ गई हैै।
ममता बनर्जी ऐसा नाटक नहीं चलता :
ममता बनर्जी के बयान पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कमेंट आया, उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- हताश होने के बाद और पूरी तरह पैरों तले ज़मीन खिसक जाने के बाद उन्हे (ममता बनर्जी) को गौत्र याद आया है। कहने लगी मैं हिन्दू हूं। ऐसा नाटक नहीं चलता।
चुनाव हारने के डर से मंदिरों में गौत्र बता रही :
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी ममता पर निशाना साधते हुए कहा कि, ''मुझे तो कभी गौत्र बताने की जरूरत नहीं पड़ी, मैं तो लिखता हूं, लेकिन ममता बनर्जी चुनाव हारने के डर से मंदिरों में गौत्र बता रही हैं।''
रोहिंग्या को वोट के लिए बसाने वाले, दुर्गा/काली पूजा रोकने वाले, हिंदुओं को अपमानित करने वाले, अब हार के ख़ौफ़ से गौत्र पर उतर गए। “शांडिल्य गौत्र” सनातन और राष्ट्र के लिए समर्पित है, वोट के लिए नहीं। ममता दीदी, अब तो पता करना होगा कि रोहिंग्या और घुसपैठियों का भी गौत्र शांडिल्य है क्या?
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह
ओवैसी ने CM ममता पर साधा निशाना :
तो वहीं, AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी आज ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए पूछा कि, ''उनके जैसे लोगों का क्या, जो जनेऊधारी नहीं है या शांडिल्य गौत्र के नहीं है।'' इसकेे अलावा असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विट कर कहा- हमारे जैसे लोगों का क्या होना चाहिए जो शांडिल्य या जनेऊधारी नहीं हैं, जो किसी विशेष भगवान के भक्त नही हैं, चालीसा या कोई दूसरा पाठ नहीं करते हैं? हर पार्टी को लगता है कि, उसे जीतने के लिए अपने हिंदू होने का परिचय देना होगा। ये नियमों के खिलाफ है, अपमानजनक है और सफलता नहीं मिलने वाली है।
आखिर क्या था ममता बनर्जी का बयान :
गौरतलब है कि, मंगलवार को नंदीग्राम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए चुनाव प्रचार के दौरान CM ममता बनर्जी ने कहा, “मैं मंदिर गई थी पुरोहित ने पूछा कि मेरा गौत्र क्या है? मुझे याद आया कि त्रिपुरेश्वरी मंदिर में अपना गौत्र मां माटी मानुष बताया था लेकिन आज जब मुझसे पूछा गया तो मैंने कहा कि, पर्सनल गौत्र शांडिल्य है लेकिन मैं समझती हूं कि मेरा गौत्र मां-माटी-मानुष है।”
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