महाराष्ट्र में सरकार बनेगी या 'भाजपा-शिसवेना' ऐसे ही खेलेंगी गेम

महाराष्ट्र राजनीति में हलचल बढ़ती ही जा रही है, यहां शिवसेना से संजय राउत ने कांग्रेस नेता शरद पवार से मुलाकात के बाद तकरार और बढ़ गई है, कहीं शिवसेना BJP का साथ छोड़ने का प्‍लान तो नहीं बना रही।
Maharashtra BJP-Shivsena
Maharashtra BJP-ShivsenaPriyanka Sahu -RE

राज एक्‍सप्रेस। वैसे अभी पिछले दिनों कर्नाटक में सियासी हलचल मची थी, अब वैसा ही हाल लगभग महाराष्‍ट्र में भी नजर आ रहा हैैै, आखिर यहां भाजपा और शिवसेना (Maharashtra BJP-Shivsena) के गठबंधन को बहुमत तो मिल गया, लेकिन अभी तक राज्य में सरकार नहीं बनी है, क्‍योंकि दोनों पार्टियों मेें मुख्यमंत्री पद व कैबिनेट में हिस्सेदारी को लेकर बहस चल रही है।

शिवसेना ने पलटा गेम :

महाराष्‍ट्र में सरकार को लेकर मची तकरार के बीच ही शिवसेना ने 24 घंटे में अपना गेम ही पलट लिया और गुरूवार को शिवसेना की ओर से मोर्चा संभाल रहे संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस नेता शरद पवार से मुलाकात एवं शिवसेना के विधायक दल की बैठक के बाद से राजनीतिक हलचल तेज हो गई, साथ ही बदलाव भी नजर आने लगेे हैै एवं इस पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा :

शिवसेना के नेता संजय राउत ने आज फिर कहा कि, महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ सरकार बनाने के लेकर कोई बात नहीं हो रही है और महाराष्ट्र में अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। इसके साथ ही एक ट्वीट में लिखा- 'साहिब...मत पालिए, अहंकार को इतना, वक़्त के सागर में कई, सिकन्दर डूब गए..!

क्या भाजपा का साथ छोड़, कांग्रेस में जाएगी शिवसेना ?

अब यह सवाल सामने आने लगे हैं कि, क्‍या शिवसेना भाजपा पार्टी का साथ नहीं देगी या फिर किसी अन्य विकल्प पर विचार करेेेेगी। वैसे इस मामले पर संजय राउत ने यह बात भी कही है कि, ये मुलाकात सिर्फ दिवाली की बधाई वाली थी, हालांकि इस दौरान महाराष्ट्र की राजनीति के हालात पर भी चर्चा हुई।

शिवसेना की बैठक में सरकार बनाने पर फैसला नहीं :

शिवसेना विधायक दल की बैठक के दौरान एकनाथ शिंदे को विधानसभा में विधायक दल का नेता तो चुन लिया गया, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बनाने पर कोई नहीं हुई है। शिवसेना का कहना है कि, हम वहींं चाहते हैं, जो हमसे वादा हुआ है, उससे कम कुछ भी नहीं चाहिए।

क्‍या चाहती हैै भाजपा-शिवसेना ?

दरअसल बात यह है कि, भाजपा शिवसेना को वित्त मंत्रालय नहीं देना चाहती है, परंतु PWD मंत्रालय देने पर सहमति बन सकती है। अगर दोनों पार्टियों की बातचीत आगे बढ़ती है, तो भाजपा उपमुख्यमंत्री पद देने के लिए विचार कर सकती है, लेकिन दिक्‍कत यह है कि, अभी तक इन प्रस्ताव को लेकर शिवसेना एवं भाजपा की तरफ से इस पर कोई बयान सामने नहीं आया है। शिवसेना ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर अड़ी हुई है, क्योंकि उद्धव अपने बेटे आदित्य ठाकरे को CM की कुर्सी पर देखना चाहते है।

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