राजस्थान, भारत। राजस्थान में सियासी संकट कम नहीं बल्कि बढ़ता जा रहा है और पल-पल में नया मोड़ ले रहा है। अभी तक इस मामले में कांग्रेस और भाजपा की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं, इसी बीच अब बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) की भी एंट्री हो गई और उन्होंने राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
गहलोत सरकार पर साधा निशाना :
राजस्थान की सियासत में वायरल ऑडियो कांड को लेकर बीएसपी प्रमुख मायावती ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि, ''जैसा की विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है।''
इस प्रकार, राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहाँ के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहाँ राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो।
बसपा प्रमुख मायावती
भाजपा ने की CBI जांच की मांग :
बता दें कि, इससे पहले राजस्थान में फोन टैपिंग मुद्दे को लेकर ही भाजपा मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कांन्फेंस कर कहा कि, क्या राजस्थान में फोन टैपिंग की गई और अगर हां, तो क्या राज्य सरकार ने मानक प्रक्रिया का पालन किया। भाजपा इस पूरे प्रकरण का CBI द्वारा जांच की मांग करती है।
अब राजस्थान में राजनीतिक मामला दिनों दिनों गहराता जा रहा है, क्योंकि अब राज्य की सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ अन्य दलों के नेता यानी भाजपा व बसपा अपनी-अपनी मांग रख रहे हैं। क्योंकि पहले भाजपा की तरफ से CBI जांच की मांग की गई और अब बसपा चीफ ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
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