राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ब्लॉग में लिखा- प्रदेश वासियों, हम सब मिलकर मप्र की साख को नए आयाम देने की दिशा में अग्रसर हैं। मुख्यमंत्री बना तो पता चला कि, केंद्र सरकार और प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के गलत आर्थिक निर्णयों की वजह से मप्र वित्तीय कठिनाइयों में फंसा है। पिछली सरकार ने प्रदेश में सिर्फ व्यक्ति-वादी राजनीति कर प्रसिद्धि का झूठा प्रचार किया और संसाधन झोंके। कई योजनाएं बगैर पर्याप्त बजटीय प्रावधान के शुरू कर दी गईं। इसका बहुत बड़ा भार हमारी सरकार पर पड़ा। हमने सरकार में आते ही यह तय किया कि हम मितव्ययिता के साथ जनता की अपेक्षाओं को केंद्र में रखकर मप्र की साख को पूरे विश्व में स्थापित करेंगे। परिणाम धीरे-धीरे देखने को मिल रहे हैं।
महात्मा गांधी ने कहा था कि सरकार जब भी कोई योजना बनाए तो अंतिम पंक्ति में खड़े आदमी का चेहरा सामने होना चाहिए। हमारी सरकार ने इसी का ध्यान रखा है। आज प्रदेश के 87 प्रतिशत से अधिक घरेलू बिजली के उपभोक्ताओं का बिजली बिल ‘इंदिरा गृह ज्योति योजना’ में मात्र 30 से 40 प्रतिशत रह गया। ‘किसान फसल ऋण माफी योजना’ से किसानों के चेहरे की चमक लौटी हैं। आज मैं आपसे एक विशेष उद्देश्य को लेकर संवाद कर रहा हूं। बीते दिनों केंद्र सरकार ने बजट जारी किया और देश को आर्थिक संकट में पहुंचा दिया। गरीब, किसानों के साथ युवा भी परेशान है।
मेरी चिंता मध्यप्रदेश के लिए भी है क्योंकि कई योजनाओं में केंद्र सरकार ने कम पैसा दिया। केंद्रीय करों में मप्र की हिस्सेदारी भी 14,233 करोड़ रुपए घटा दी। यह बड़ा कुठाराघात है। लेकिन इन स्थितियों के बाद भी हर चुनौतियां, जो मध्यप्रदेश के सामने आएंगी, उन्हें अवसरों में तब्दील कर दूंगा। एक बात की पीड़ा जरूर है कि प्रदेश की जनता ने भाजपा के 28 सांसदों को चुनकर भेजा, मगर कोई भी इस अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठा रहा।
-मुख्यमंत्री कमलनाथ
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