राज एक्सप्रेस। हाल ही में इतने विवादों के बाद देश में नागरिकता संशोधन बिल CAB पास हुआ है। वहीं अब देश में मोदी सरकार के इरादे नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स ऑफ इंडिया (NRC) लागू करवाने के लग रहे हैं क्योंकि कुछ समय पहले ही गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा अवैध लोगों की पहचान को लेकर देश में NRC लागू करने की बात कही गई थी। हालांकि इस बिल में सभी कम्युनिटी को शामिल किये जाने की बात की गई है।
क्या है राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) :
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को हम सरल आम बोल-चाल की भाषा में समझें तो एक ऐसा रजिस्टर जिसमे मानव को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कुछ ऐसे दस्तावेज दिखाना होता है जो, सरकार द्वारा दिए गए दस्तावेज के संग्रह में शामिल हों। चूँकि, भारत में सबसे पहले मात्र असम राज्य में NRC लागू है। जो 1951 में उनकी जानपहचान के अनुसार लागू किया गया था। हालांकि बाद में साल 1975 में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा इन नियमों को अपडेट करने की मांग की गई थी। इस प्रक्रिया को लागू करने में लगभग 1200 करोड़ रुपये की लागत लगी थी। इसमें 3.11 करोड़ लोगों को शामिल किया गया था और 19,06,657 लोगों को शामिल नहीं किया गया था, इस सूची में कुल आवेदन करने वालों की संख्या 3.29 करोड़ थी।
क्या कहा था गृहमंत्री ने :
'NRC की प्रक्रिया जब पूरे देश में लागू की जायेगी तब असम में एनआरसी की प्रक्रिया दोहराई जायेगी। किसी भी धर्म के लोगों को किसी भी तरह से डरने की जरूरत नहीं है। सभी को एनआरसी के अंदर समाहित करने की व्यवस्था की जायेगी। असम में NRC की प्रक्रिया हाथ में ली गई थी। NRC की प्रक्रिया जब पूरे देश में होगी तो असम में यह प्रक्रिया फिर से की जाएगी। किसी भी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है।' बताते चलें कि, वर्तमान में असम इकलौता ऐसा राज्य है जहां NRC लागू है।
असम की NRC :
असम में जो NRC लागू है, उसके तहत ऐसे लोगों के नामों को शामिल किया गया है जो 25 मार्च 1971 के पहले से या तो स्वयं या उनके पूर्वज असम में रहते थे या असम के नागरिक थे। अब बात यह आती है, कि यदि पूरे देश में भी असम जैसे ही राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लागू किया जाएगा तो उसके लिए दस्तावेज कौन-कौन से लगेंगे? तो हम आपको बतादें कि, इसके लिए दस्तावेजों की 2 लिस्ट पेश की गई है।
लिस्ट A
लिस्ट B
इन लिस्टों में लिस्ट A में दिए गए दस्तावेजों से कोई एक दस्तावेज (असम के नियमानुसार) होना अनिवार्य होगा। वहीं लिस्ट B में से किसी एक को दिखाना होगा, जिससे आप यह साबित कर सकें कि, या तो आप स्वयं या आपके कोई पूर्वज पहले से यहाँ के नगरिक हैं।
लिस्ट 'A’ :
1951 का NRC
24 मार्च, 1971 तक का मतदाता सूची में नाम
जमीन का मालिकाना हक या किरायेदार होने का रिकॉर्ड
नागरिकता प्रमाणपत्र
स्थायी निवासी प्रमाण पत्र
शरणार्थी पंजीकरण प्रमाण पत्र
किसी भी सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस/सर्टिफिकेट
सरकार या सरकारी उपक्रम के तहत सेवा या नियुक्ति को प्रमाणिक करने वाला दस्तावेज
बैंक या पोस्ट ऑफिस अकाउंट
जन्म प्रमाणपत्र
राज्य के एजुकेशन बोर्ड या यूनिवर्सिटी के प्रमाण पत्र
अदालत के आदेश रिकॉर्ड
पासपोर्ट
कोई भी एलआईसी पॉलिसी
लिस्ट 'B’ :
जन्म प्रमाणपत्र
भूमि दस्तावेज
बोर्ड या विश्वविद्यालय प्रमाण पत्र
बैंक / एलआईसी / पोस्ट ऑफिस रिकॉर्ड
राशन कार्ड
मतदाता सूची में नाम
कानूनी रूप से स्वीकार्य अन्य दस्तावेज
विवाहित महिलाओं के केस में सर्कल अधिकारी या ग्राम पंचायत सचिव द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।