विपक्ष का आरोप, केंद्र सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन करने में विफल

सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर ये आरोप लगाया है कि वह कोरोना के दौर में दायित्वों का निर्वहन और लोगों की समस्याओं का निराकरण करने में विफल रही है।
विपक्ष का आरोप, केंद्र सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन करने में विफल
विपक्ष का आरोप, केंद्र सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन करने में विफलKratik sahu-RE

राजएक्सप्रेस। कांग्रेस सहित सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने मोदी सरकार पर दायित्वों का समय पर निर्वहन करने में असफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कोरोना महामारी का प्रसार रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान वह असंवेदनशील तरीके से पेश आयी और लोगों की समस्याओं का निराकरण करने में विफल रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां हुई 22 विपक्षी दलों के नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने इस दौरान समय पर कोई कदम नहीं उठाया और पीड़ित लोगों की समस्या के समाधान के लिए ठोस उपाय नहीं किए। उन्होंने कहा कि कोरोना के विरुद्ध लडाई में श्रेय लेने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए थी और सबको साथ लेकर चलते हुए इस महामारी को रोकने के कदम उठाने चाहिए थे लेकिन उसने किसी की परवाह नहीं की और इस लड़ाई में असफल रही।

बैठक में श्रीमती गांधी के अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी, ए के एंटनी, गुलामनबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी, मल्लिकार्जुन खडगे, के सी वेणुगोपाल तथा पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री तथा जनता दल एस के नेता एच डी देवेगौडा, तृणमूल कांग्रेस की नेता तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, इसी पार्टी के नेता डेरेक ओब्राइन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार तथा प्रफुल्ल पटेल, शिव सेना के नेता तथा महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे और संजय राउत, द्रविड मुन्नेत्र कषगम के टी स्टालिन, माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता तथा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा, राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल के तेजेश्वर यादव और मनोज झा, रेवोलेशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन, आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाह तथा एआईयूडीएफ के बदुरुद्दीन अजमल सहित 22 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया।

इन दलों के नेताओं ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन से निपटने के लिए जो भी कदम उठाए हैं वे सोचे समझे बिना उठाए गये जिसके कारण लोगों को इसका कोई फायदा नहीं हुआ। सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए का जो आर्थिक पैकैज घोषित किया उसमें भी आम आदमी के लिए कुछ नहीं किया गया है। उनका कहना था कि सरकार को इस आपदा के समय सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ विचार विमर्श करना चाहिए था, लेकिन उसने जो चाहा वह कदम उठाया और इसी का परिणाम है कि लोग परेशान हैं।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। सिर्फ शीर्षक में बदलाव किया गया है। अतः इस आर्टिकल अथवा समाचार में प्रकाशित हुए तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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