महबूबा मुफ्ती की हिरासत अवधि बढ़ने पर चिदंबरम ने की रिहाई की मांग

कांग्रेस वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग करते हुए कहा-PSA के तहत महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी का विस्तार कानून का दुरुपयोग है और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला है।
महबूबा मुफ्ती की हिरासत अवधि बढ़ने पर चिदंबरम ने की रिहाई की मांग
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दिल्ली, भारत। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पिछले साल यानी 2019 से ही जन सुरक्षा कानून के तहत नजरबंद रखा गया है और उनकी हिरासत अवधि तीन महीने तक के लिए और बढ़ा दी गई है, इसी को लेकर देश के पूर्व गृह, वित्त मंत्री और कांग्रेस वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम का बयान सामने आया है।

महबूबा रिहाई की आवाज उठाने की अपील :

दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने महबूबा मुफ्ती की हिरासत अवधि बढ़ाने पर आज शनिवार को केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए अपने ट्वीट में लिखा, "PSA के तहत सुश्री महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी का विस्तार कानून का दुरुपयोग है और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला है। 61 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री, चौबीसो घंटे सुरक्षा गार्ड से संरक्षित व्यक्ति, सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा कैसे है?" इस दौरान उन्होंने उन शर्तों को जारी करने के प्रस्ताव को सही ढंग से खारिज कर दिया, जो कोई भी स्वाभिमानी राजनीतिक नेता मना कर देता। उनकी नज़रबंदी के लिए दिए गए कारणों में से एक- उसकी पार्टी के झंडे का रंग है- हँसी का पात्र था।

इसके अलावा पी. चिदंबरम ने यह भी कहा कि, उन्हें अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के खिलाफ क्यों नहीं बोलने चाहिए? क्या यह स्वतंत्र भाषण के अधिकार का हिस्सा नहीं है? मैं अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाले SC में एक मामले में पेश वकील में से एक हूं। अगर मैंअनुच्छेद 370 के खिलाफ बोलूं - जैसा कि मुझे करना चाहिए - क्या यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा है? हमें सामूहिक रूप से अपनी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए और "मेहबूबा मुफ़्ती को रिहा करें" की माँग करनी चाहिए।

बता दें कि, जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंटाने के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान महबूबा मुफ़्ती को साल 2019 में पाँच अगस्त को हिरासत में लिया गया था, तभी से वे हिरासत में ही हैं, इस बीच सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत उनकी हिरासत अवधि 3 महीने तक बढ़ाया गया, अब वे 5 नवंबर 2020 तक हिरासत में रहेंगी।

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