दिल्ली, भारत। केंद्र की मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुक्ल (Excise Duty) घटाकर लोगों को राहत दी है एवं राज्यों पर वैट घटाने का दबाव बढ़ा दिया है। इस बीच तेल की कीमतों में कटौती को लेकर सियासत गरमी हुई है। एक तरफ कई नेता सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रहे है। तो वहीं, विपक्ष पार्टी सरकार की आलाेचनाओं का दौर जारी है। अब हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम का बयान आया था, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसा था और अब उन्होंने अपने तथ्यों को ठीक कर गलती मानी है।
मैं अपने तथ्यों को ठीक कर रहा हूं :
दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने बीते दिन मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर ‘एक्साइज ड्यूटी’ घटाने को लेकर टिप्पणी दी थी, लेकिन सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में आठ रुपये प्रति लीटर की कटौती और डीजल पर छह रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा के बाद आज रविवार को उन्होंने अपने तथ्यों को वापस लिया और कहा- पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में कटौती की अधिसूचना अब उपलब्ध है। वित्त मंत्री ने ‘एक्साइज ड्यूटी’ शब्द का इस्तेमाल किया था, लेकिन कटौती अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में हुई है, जिसे केंद्र राज्यों के साथ साझा नहीं करता है। इसलिए, मैंने कल जो कहा था, तथ्य उसके विपरीत हैं। टैक्स में इस कटौती का पूरा आर्थिक बोझ केंद्र सरकार पर पड़ेगा, इसलिए मैं अपने तथ्यों को ठीक कर रहा हूं।
यह था चिदंबरम का बयान :
बता दें कि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए यह बयान दिया था कि, ''केंद्र अगर राज्यों को और फंड या अनुदान नहीं देता है तो क्या राज्य पेट्रोल और डीजल पर वैट से मिलने वाले राजस्व को छोड़ने की स्थिति में होंगे? केंद्र ने राज्यों को आगे कुआं, पीछे खाई जैसी स्थिति में छोड़ दिया है।''
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