राज एक्सप्रेस। देश में नागरिकता संशोधन कानून और असम में NRC लागू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 7 जनवरी को पहली बार असम पहुंचे हैं। इस दौरान PM नरेंद्र मोदी कोकराझार में बोडो समझौते के जश्न में शामिल हुए और रैली को संबोधित करते हुए अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के शुरूआत में सबसे पहले तो यह जिक्र किया कि, सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में बहुत रैलियां देखी हैं और बहुत रैलियों को संबोधित किया, लेकिन जीवन में कभी भी इतना विशाल जनसागर देखने को नहीं मिला।
डंडे मारने वाले बयान पर कही यह बात :
रैली में मोदी जी ने डंडे मारने वाले बयान का जिक्र करते हुए यह कहा कि, ''कभी-कभी लोग मुझे डंडा मारने की बातें करते हैं, लेकिन जिस मोदी को इतनी बड़ी मात्रा में माताओं-बहनों का सुरक्षा कवच मिला हो, उस पर कितने ही डंडे गिर जाएं उसे कुछ नहीं हो सकता।''
बोडो आंदोलन से जुड़ी हर मांग समाप्त :
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि, ''आज बोडो आंदोलन से जुड़ी हर मांग समाप्त हो चुकी है, 1993 में जो समझौता हुआ था, उसके बाद पूरी शांति स्थापित नहीं हो पाई। अब केंद्र, असम सरकार और बोडो आंदोलन से जुड़े संगठनों ने जिस ऐतिहासिक अकॉर्ड पर सहमति जताई है, वह अभूतपूर्व है।''
PM मोदी के भाषण की अहम बातें-
आज का दिन संकल्प लेने का है कि, विकास और विश्वास की मुख्य धारा को मजबूत करना है। अब हिंसा के अंधकार को इस धरती पर लौटने नहीं देना है। आज असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट के लिए 21वीं सदी में एक नई शुरुआत, एक नए सवेरे का, नई प्रेरणा का स्वागत करने का है। मैं New India के नए संकल्पों में आप सभी का, शांतिप्रिय असम का, शांति और विकास प्रिय नॉर्थ ईस्ट का स्वागत और अभिनंदन करता हूं।
अब सरकार का प्रयास है कि असम अकॉर्ड की धारा-6 को भी जल्द से जल्द लागू किया जाए। मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस मामले से जुड़ी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद केंद्र सरकार और त्वरित गति से कार्रवाई करेगी।
अकॉर्ड के तहत BTAD में आने वाले क्षेत्र की सीमा तय करने के लिए कमीशन भी बनाया जाएगा। इस क्षेत्र को 1500 करोड़ रुपये का स्पेशल डेवलपमेंट पैकेज मिलेगा, जिसका बहुत बड़ा लाभ कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदालगुड़ि जैसे जिलों को मिलेगा।
आज जब बोडो क्षेत्र में, नई उम्मीदों, नए सपनों, नए हौसले का संचार हुआ है, तो आप सभी की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। मुझे पूरा विश्वास है कि, 'बोडो टेरिटोरियल काउंसिल' अब यहां के हर समाज को साथ लेकर, विकास का एक नया मॉडल विकसित करेगी।
बोडो टेरिटोरियल काउंसिल, असम सरकार और केंद्र सरकार, अब साथ मिलकर, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को नया आयाम देंगे। इससे असम भी सशक्त होगा और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना भी और मजबूत होगी।
21वीं सदी का भारत अब ये दृढ़ निश्चय कर चुका है कि, हमें अब अतीत की समस्याओं से उलझकर नहीं रहना है। आज देश मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का समाधान चाहता है।
जिस नॉर्थ ईस्ट में अपने-अपने Home land को लेकर लड़ाईयां होती थी, अब यहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना मजबूत हुई है। नॉर्थ ईस्ट में हिंसा की वजह से हजारों लोग अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए थे, अब यहां उन लोगों को पूरे सम्मान और मर्यादा के साथ बसने की नई सुविधाएं दी जा रही हैं।
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के असम के कोकराझार दौरे के लिए उनके स्वागत में शानदार तैयारियां की गई थीं। इस लिंक पर क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर।
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