Prakash Javadekar Delhi Pollution
Prakash Javadekar Delhi Pollution Priyanka Sahu -RE

विज्ञापन पर खर्च किए पैसे किसानों को देतेे, तो प्रदूषण कम होता

दिल्‍ली की हवा में घुले जहर से लोगों को मुक्ति दिलाने व प्रदूषण कम करने के लिए 'ऑड-ईवन' लागू हो गया, लेकिन क्या ऑड ईवन लोगों को शुद्ध हवा लौटा देगा? वहीं इस मामले पर राजनीति गर्मा गई है।

राज एक्‍सप्रेस। उत्तर भारत में इन दिनों प्रदूषण एक अहम मुद्दा बना हुआ है, यहां एक तरफ अरविंद केजरीवाल सरकार ने राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली की हवा में घुले जहर से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए पुराने फॉर्मूले ऑड-ईवन को लागू किया है, तो वहीं दूसरी ओर इस मामले पर दिल्ली की हालत ऐसे क्यों? इस पर बहस छिड़ गई है, राजनीति में कई नेता एक-दूसरे पर हमला बोल (Prakash Javadekar Delhi Pollution) रहे हैं।

जावड़ेकर ने कहीं सेल्फ रेगुलेशन की बात :

दिल्‍ली के बढ़ते प्रदूषण स्‍तर को कोई पराली, तो कोई लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहा है, लेकिन देश के पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सेल्फ रेगुलेशन की बात कही है, ''मतलब धुएं से बचना है तो धुएं को कम करना होगा।''

प्रकाश जावड़ेकर का केजरीवाल पर हमला :

प्रदूषण के इस मुद्दे पर केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज सोमवार को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर बड़ा हमला बोला-

क्‍या बोले जावड़ेकर-

केन्द्र सरकार ने किसानों की मदद के लिए 1100 करोड़ दिए हैं, दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए किसानों को 1500 करोड़ क्यों नहीं देती, जो विज्ञापन पर खर्च किए हैं।
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर

जावड़ेकर का केजरीवाल से सवाल :

प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली सरकार से पूछा-पहले ये बताएं कि, सीपीसी के आदेशों का कितना पालन किया, हमारी सरकार ने किसानों को 1100 करोड़ रुपये दिए आपने क्या दिया? हमने 22 लाख किसानों को 40 हजार मशीन दी हैं, लेकिन दिल्ली सरकार ने सिर्फ विज्ञापन पर 1500 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। विज्ञापन की जगह प्रदूषण पर खर्च करें 1500 करोड़ रुपये किसानों को दे देते, तो प्रदूषण कम होता। उन्‍होंने आगे यह भी कहा कि, हर चीज के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। सरकार सिर्फ प्रतिनिधि है, हमें खुद की भी जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए।

रसायन उद्योग के उद्यमी और महारथी मिलने आए थे और मैंने उनसे कहा है अगर उनका पॉल्यूशन लोड नहीं बढ़ता है, तो बार-बार मंत्रालय आने की जरूरत नहीं है। जैसे आज प्लास्टिक कलेक्ट नहीं किया जाता और रियूज के लिए नहीं जाता है। उसी तरह से कैमिकल फैक्ट्रीज को पानी की भी बचत करनी चाहिए और पुर्ननिर्माण करना चाहिए।

प्रकाश जावड़ेकर

हालांकि, इस दौरान प्रकाश जावड़ेकर ने ये बात भी कहीं कि, ''पॉल्यूशन जनता को तकलीफ देने वाली समस्या है। मंत्री पद संभालते ही मैंने पांचों राज्यों के मुख्यमंत्री और सचिवों की बैठक शुरू की, इसको लेकर 8 बैठक हो चुकी है और नौंवी बैठक जल्द ही होगी।''

मोदी प्रदूषण की समस्या पर चिंतित :

इसके साथ ही प्रकाश जावड़ेकर ने ये भी कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रदूषण की इस समस्या को लेकर बेहद चिंतित हैं एवं थाईलैंड में होने के बावजूद भी उन्होंने इस मसले पर बातचीत की है। उन्होंने बताया कि, कल पीएमओ सचिव स्तर की बातचीत हुई थी और वह आज फिर होगी।

वैसे दिल्‍ली में ऑड-ईवन फॉर्मूला तो लागू हो गया है, लेकिन अब सवाल यह है कि, क्या ऑड-ईवन फॉर्मूला (Odd even formula) लोगों को शुद्ध हवा लौटा देगा?

प्रदूषण की इस स्थिति के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन (ODD EVEN) फॉर्मूला लागू किया है। इस लिंक पर क्लिक कर पढ़े पूरी खबर-

बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने अपनाया ये फंडा

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