भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने उद्धव सरकार को जमकर घेरते हुए पूछे कई सवाल
बिहार, भारत। आज 21 मार्च को फिर देश की राजनीति का सुपर संडे है, एक तरफ चुनावी राज्यों में तमाम नेताओं की जनसभा, तो वहीं दूसरी ओर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में खलबली मची है। इसी बीच बिहार की राजधानी पटना में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
परमबीर सिंह के लेटर पर रविशंकर प्रसाद का कहना :
सचिन वाजे की गिरफ्तारी और अनिल देशमुख पर आरोपों को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद द्वारा आज रविवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उद्धव सरकार को जमकर घेरा और कहा- मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने एक चिट्टी लिखी है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री और राज्यपाल जी को, जिसमें उन्होंने कहा है कि, महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री ने सचिन वाजे से कहा कि, हमें 100 करोड़ रुपये महीना बंदोबस्त करके दो। एक एसीपी का घर में मुख्यमंत्री द्वारा बचाव किया जा रहा है, और गृह मंत्री उसे महाराष्ट्र से हर महीने 100 करोड़ रुपये निकालने के लिए कह रहे हैं।
महाराष्ट्र में महाअघाड़ी शासन नहीं लूट के लिए :
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि, ''महाराष्ट्र में महाअघाड़ी शासन के लिए नहीं है, बल्कि लूट के लिए है। इस तरह के भ्रष्टाचार का मॉडल बहुत चौंकाने वाला है। मीडिया को इसे बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और इसके पीछे की सच्चाई को उजागर करना चाहिए।''
रविशंकर प्रसाद ने पूछे कई सवाल :
सचिन वाजे वर्षों तक सस्पेंड था, वर्षों के बाद उसको कोरोना काल में अप्वाइंट कराया गया और कहा गया कि कोरोना में पुलिस वाले बीमार पड़ रहे हैं इसलिए इनको लिया जा रहा है। भाजपा की तरफ से पहला सवाल ये है कि सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई?
सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई? ये शिवसेना का दबाव था, मुख्यमंत्री मंत्री का दबाव था या शरद पवार का भी दबाव था? सचिन वाजे को बचाने की क्या मजबूरी थी, सचिन वाजे के पेट में और क्या-क्या सीक्रेट हैं?
पूर्व कमिश्नर परमवीर ने कहा है कि मैं शरद पवार को भी ब्रीफ करता था। शरद पवार वहां सरकार का अंग नहीं है, तो एक पुलिस कमिश्नर उनको ब्रीफ क्यों कर रहा था और उसने ये भी बताया कि पैसे मांगे जा रहे हैं। तो शरद पवार ने क्या कार्यवाही की?
इस प्रकरण से एक और बहुत बड़ा गंभीर सवाल उठता है- 100 करोड़ रुपये का टार्गेट था मुंबई से तो कृपया करके उद्धव ठाकरे और शरद पवार जी बताएं कि पूरे महाराष्ट्र का टार्गेट क्या था? अगर एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ था तो बाकी मंत्रियों का टार्गेट क्या था?
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