राजस्थान, भारत। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद राजस्थान की सियासत एक बार फिर चर्चा में बनी हुई है और एक बार फिर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शीत युद्ध की दहक सतह पर आ गई है। इस बीच सचिन पायलट का बड़ा बयान भी सामने आया है।
हेमाराम के इस्तीफे को बताया चिंता का विषय :
दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का जो बयान सामने आया है, उसमें उन्होंने कांग्रेस में उनके योगदान का उल्लेख करते हुए कहा- पार्टी में उनकी ईमानदारी, सादगी और विनम्रता का शायद ही कोई दूसरा उदाहरण हो। पायलट ने हेमाराम के इस्तीफे को चिंता का विषय बताया है।
सदन के सीनियर मोस्ट विधायक हैं हेमाराम :
सचिन पायलट ने अपने बयान में कहा- हेमाराम चौधरी कांग्रेस और सदन के सीनियर मोस्ट विधायक हैं। राजस्थान और कांग्रेस की राजनीति में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है. वह नेता प्रतिपक्ष रहे, कैबिनेट मंत्री रहे और छठी बार विधानसभा में चुनकर गए हैं. उनकी ईमानदारी, सादगी और विनम्रता का कोई दूसरा उदाहरण शायद ही कांग्रेस पार्टी में हो, इतने वरिष्ठ नेता का इस्तीफा देना चिंता का विषय है।
सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े :
जानकारी के लिए ये भी बताते चलें पहले हेमाराम चौथरी सचिन पायलट खेते के विधायक हैं।बता दें कि, सचिन पायलट खेमे के विधायक तो गहलाेेत सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े कर ही रहे हैं और अब गहलोत खेमे के विधायक भी अब अपना मुंह खोलने लगे हैं एवं विधायक मदन प्रजापत का हेमाराम चौधरी के समर्थन में बयान आना इसी बात की ओर इशारा कर रहा है कि, कई विधायक अंदर ही अंदर कसमसा रहे हैं। ये बात भी सामने आ रही है कि, ज्यादातर विधायक सरकार में मंत्रियों की कार्यप्रणाली को लेकर नाराज हैं।
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