राज एक्सप्रेस। नागरिकता संशोधन कानून 2019 को लेकर इतना अधिक बवाल होने लगा था कि, यह मामला देश की सर्वोच्य न्यायालय में भी पहुंच चुका था और इस पर आज सुनवाई (Supreme Court Issues Notice Modi Govt) हुई, फिलहाल अभी तो न्यायालय ने केंद्र सरकार को बड़ी राहत देते हुए इस कानून पर कोई रोक नहीं लगाई है।
सुनवाई में SC का कहना :
न्यायालय के चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्या कांत की बेंच ने नागरिकता संशोधन कानून 2019 पर रोक लगाने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है।
केंद्र सरकार को नोटिस जारी :
इस मामले को लेकर सर्वोच्य न्यायालय ने सुनवाई के दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली दलीलों पर केंद्र की मोदी सरकार को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई आने वाले नए वर्ष 2020 में 22 जनवरी को होगी।
59-60 याचिकाएं हुईं दायर :
देश में नागरिकता कानून के खिलाफ मच रहे बवाल पर आज सर्वोच्य न्यायालय ने कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली लगभग 59-60 याचिकाओं पर सुनवाई की एवं याचिका दाखिल करने वालों में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, त्रिपुरा के शाही परिवार के सदस्य प्रद्योत किशोर देब बर्मन, असदुद्दीन ओवैसी, महुआ मोइत्रा, पीस पार्टी, एम एल शर्मा समेत कई याचिकाकर्ता शामिल हैं।
बताते चलें कि, 'नागरिकता संशोधन बिल (CAB) 2019' पर मोदी सरकार की मंजूरी मिलने के बाद गृहमंत्री अमित शाह द्वारा यह बिल लोकसभा-राज्यसभा से पास कराने के बाद इस बिल पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर होने थे, हालांकि 12 दिसंबर को राष्ट्रपति ने भी इस बिल पर अपनी मंजूरी दे दी और यह कानून बना गया, तभी से इस कानून के खिलाफ देश भर में उग्र विरोध प्रदर्शन होने लगे।
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