राज एक्सप्रेस। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को खस्ताहाल बताते हुये कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के लिये सरकार ने कोई तैयारी नहीं की है। श्री लल्लू ने शनिवार को कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत खराब हालत से गुजर रही है। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन, एम्स व अन्य विशेषज्ञों ने भी स्पष्ट तौर पर कहा है कि इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर होगा, जिसको लेकर यूपी की सरकार की कोई तैयारी नहीं है, सिर्फ हवाई दावे किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 0-18 साल के बच्चे करीब साढ़े आठ करोड़ हैं, जिसमें 70 प्रतिशत बच्चों की आबादी ग्रामीण क्षेत्र में है, जहां ग्रामीण क्षेत्रों की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर बाल चिकित्सक न के बराबर हैं, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार प्रति एक हजार बच्चों पर एक बाल रोग विशेषज्ञ की आवश्यकता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में इतनी दयनीय स्थिति है कि लगभग 13 हजार बच्चों पर एक बाल रोग चिकित्सक है। ऐसे में यदि ग्रामीण क्षेत्र में दुर्भाग्यवश कोरोना संकट फैला तो वहां बच्चों को कैसे बचाया जायेगा, प्रदेश सरकार को इसकी कोई फिक्र नहीं है।
श्री लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर दावा करते झूठा प्रचार कर रहे हैं, जबकि उनके ही गृहनगर गोरखपुर में 12 हजार बच्चों पर एक बाल रोग चिकित्सक है। पूरे गोरखपुर में 0 से 18 साल के करीब 18 लाख बच्चे हैं, जबकि सरकारी और निजी कुल बाल चिकित्सक पूरे जिले में मात्र 140 हैं। यही हालत प्रदेश के सुदूरवर्ती जिलों चाहे वह बुन्देलखण्ड के हमीरपुर, महोबा, बाँदा, चित्रकूट हों या लखीमपुर, पीलीभीत, सहरनपुर, बागपत, अलीगढ़, एटा हों या पूर्वांचल के कुशीनगर, देवरिया, सिद्धार्थनगर, बलिया, गाजीपुर हों या मिर्जापुर, सोनभद्र की है।
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