राज एक्सप्रेस। सबकेे पसंदीदा मैसेंजर ऐप WhatsApp जासूसी मामले (WhatsApp Spying Case) पर विवाद गर्माता ही जा रहा है, इसके जरिए भारत के कुछ पत्रकारों और हस्तियों की जासूसी की खबरों से WhatsApp जासूसी पर विवाद और भी बढ़ गया, WhatsApp पर भारतीयों की जासूसी व गोपनीयता भंग करने का मामला सुर्खियों में है एवं भारतीय राजनीति में भी भूचाल मचा है, यहां विपक्ष के कई नेता लगातार केंद्र की मोदी सरकार को घेरतेे हुए इस मामले पर सवालों का जबाव मांग रहे हैं।
अब कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार को घेरते हुए यह बात कहीं कि, इजराइली एनएसओ, स्पाईवेयर Pegasus केवल सरकारों को बेचती है। इसके अलावा उन्होंने मोदी सरकार से 5 सवाल भी किए हैं, जो इस प्रकार है...
सिब्बल द्वारा पूछे गए ये 5 सवाल-
सरकार के किस विंग ने पेगासस को खरीदा?
किस कीमत पर खरीदा?
किसने इसका संचालन संभाला?
स्नूपिंग के निर्देश किसने दिए?
अन्य किन प्लेटफार्मों से समझौता किया?
यह सवाल तो पूछे ही है, साथ ही कपिल सिब्बल ने कहा कि, WhatsApp से पहले सरकार WhatsApp जासूसी विवाद पर ये पांचों सवालों के जवाब दें। हालांकि, इससे पहले इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी सवाल उठा चुकी हैं और सरकार से यह सवाल किया-
अगर भाजपा या सरकार ने पत्रकारों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनेताओं के फोन की जासूसी में इजरायली एजेंसियों को लगाया था, तो यह मानवाधिकारों का घोर हनन है और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरा आघात, हम सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
प्रियंका गांधी
रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा से पूछा सवाल-
भारत सरकार की किस एजेंसी ने ‘पेगासस’ सर्विलांस सॉफ्टवेयर खरीदा और उसका उपयोग करवाया? एजेंसी को ऐसा करने के लिए किसने अधिकृत किया, एनएसए या पीएमओ ने?
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट में कहा था- "सरकार ने वॉट्सऐप से पूछा है कि, भारतीय नागरिकों की जासूसी के लिए 'पेगासस' को किसने खरीदा है, यह ठीक वैसे ही है जैसे मोदी का दसॉल्ट से यह पूछना कि राफेल लड़ाकू विमानों की डील पर किसने पैसे कमाए!"
क्या है Whatsapp जासूसी मामला ?
Whatsapp के जरिए दुनियाभर के देशों में की जा रही जासूसी की जांच कर रहे अधिकारियों द्वारा यह दावा किया गया है कि, इस साल की शुरुआत में ही हैकिंग सॉफ्टवेयर की मदद से कई देशों में सीनियर सरकारी अधिकारियों की जासूसी की जा रही थी। वहीं मैसेजिंग कंपनी की जांच से जुड़े लोगों का कहना है कि, यूज़र के फोन को हैक करने के लिए Facebook Inc's WhatsApp का प्रयोग किया गया था, साथ ही जांच में यह बात भी पता चली है कि, जिन लोगों के फोन की जासूसी हुई उनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मेक्सिको, पाकिस्तान और भारत के लोग शामिल हैं।
दुनिया भर में 1400 लोगों के फोन हैक :
Whatsapp ने कहा है कि, वह एनएसओ समूह के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है, यह इजरायल की निगरानी करने वाली कंपनी है। समझा जाता है कि, इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है, जिसके जरिये अज्ञात इकाइयों ने जासूसी के लिए करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं।
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