राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश की प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पल्लवी जैन गोविल ने बताया कि, स्वास्थ्य विभाग अन्य संबंधित विभागों से ताल-मेल कर कोरोना वायरस की रोकथाम की व्यवस्थाएँ कर रहा है। संभावित मरीजों की तत्काल जाँच करवाने की भी प्रक्रिया निर्धारित की गई है। भारत सरकार की गाईड लाईन के अनुसार सभी व्यवस्थाएँ की गई हैं। बीमारी से निपटने के लिए रिहर्सल भी की जा रही है। लोगों में जागरूकता लाने के लिए प्रचार-प्रसार माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है और लोगों को बीमारी के लक्षण की जानकारी भी दी जा रही है।
मध्य प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट आती है तो बजट सत्र को टाल सकते हैं। हालांकि, अब तक सब ठीक है और हमें कोरोना को लेकर कोई ऐसी रिपोर्ट नहीं आई है। स्वास्थ्य विभाग की राय ले रहे हैं क्योंकि लोगों की जान बचाना ज्यादा जरूरी है। जहां तक बजट सत्र की बात है तो वह पहले से तय है। 16 मार्च को राज्यपाल का अभिभाषण और पूरा कार्यक्रम तय है। कांग्रेस की विचारधारा लोकतांत्रिक है। हम बिना खरीद-फरोख्त करने वाले हैं।बता दें, अब मध्य प्रदेश की सियासत में कोरोना वायरस की भूमिका अहम हो गई है।
मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनाेट ने भी कहा है कि विधायक यहां पर आएंगे तो हम उनकी जांच कराएंगे और कमलनाथ सरकार उनके स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखेगी। ये राजनीतिक घटनाक्रम बाद में भी हो सकता है। राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं बाद में पूरी हो जाएंगी। प्रतिनिधि इसलिए बनते हैं कि लोगों की सेवा करेंगे। राजनीतिक बयानबाजी, ओछे आरोप और खरीद-फरोख्त का काम बाद में भी हो सकता है। कोरोना वायरस को किस तरह से रोका जाए, सभी राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से सहयोग की मांग करता हूं।
मध्य प्रदेश की प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पल्लवी जैन गोविल ने विधानसभा के सवाल पर बताया कि "स्वास्थ्य विभाग पहले ही सामाजिक समारोह से बचने के लिए एडवाइजरी जारी कर चुका है। प्रदेश में स्कूल, सिनेमा घर भी बंद हैं। विधानसभा सत्र के लिए भी स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी की है। मास्क और अन्य सामग्री विधानसभा परिसर में रहेंगी।" अब देखना होगा कि, क्या तय समय सीमा पर हो पाता है विधानसभा का बजट सत्र या नहीं?
बता दें, मध्य प्रदेश में अभी तक नोवल कोरोना वायरस से संबंधित कोई भी पॉजिटिव प्रकरण नहीं पाया गया है। कुछ संचार माध्यमों में भोपाल में कोरोना वायरस का पहला मरीज मिलने की खबर पूर्णत: असत्य है। एम्स भोपाल के डायरेक्टर ने जानकारी दी है कि उनके संस्थान में ओमकार सिंह नाम का कोई भी मरीज न तो भर्ती हुआ है और न ही कोरोना वायरस संक्रमित सेम्पल पॉजिटिव पाये गये हैं। यही स्थिति सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में है।
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