अमेरिका में राष्ट्रपति पद की तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। मौजूदा राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस की दौड़ में पिछड़ते दिख रहे हैं। अब कोई चमत्कार हो जाए और नतीजे ट्रंप के पक्ष में आ जाएं, तो कह नहीं सकते। मगर अब तक के रुझान देखें तो यह तय हो गया है कि अमेरिका में अबकी बार बाइडन सरकार आ चुकी है। हालांकि, ट्रंप कानूनी लड़ाई के फैसले पर आगे बढ़ गए हैं। दूसरी ओर, उनके समर्थक धांधली का आरोप लगाते हुए कई राज्यों में मतगणना केंद्रों के बाहर जुटे हैं। समर्थकों ने कई जगह हंगामा और प्रदर्शन किया। बाइडन अमेरिकी इतिहास में सर्वाधिक मत पाने वाले प्रत्याशी बन गए हैं। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का रिकॉर्ड तोड़ा है। बाइडन को 7.48 करोड़ मत मिल चुके हैं। यह ओबामा से 44 लाख ज्यादा है। बाइडन लोकप्रिय मतों में ट्रंप से 43 लाख मत आगे हैं। ट्रंप 7.05 करोड़ मत मिल चुके हैं। अमेरिका के 120 साल के इतिहास में इस बार सर्वाधिक 66.6 फीसदी वोटिंग हुई थी।
अब सवाल यह है कि आखिर क्यों डोनाल्ड ट्रंप हार के करीब पहुंचे। जवाब बेहद आसान है। अपने कार्यकाल में ट्रंप ने अमेरिका फर्स्ट की बात तो की, मगर किसी के प्रति भरोसा कायम नहीं रख पाए। रही-सही कसर कोरोना ने पूरी कर दी। कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कोरोना महामारी को बहुत हल्के में लिया। उन्होंने कोरोना को लेकर कई गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां भी कीं और सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क के दिखाई दिए। डोनाल्ड ट्रंप खुद कोरोना संक्रमित पाए गए। तब भी लापरवाही का उदाहरण पेश किया। इसका फायदा जो बाइडन ने जमकर उठाया। बाइडन ने कोरोना को लेकर उठाए गए हर कदम को नाकामी करार दिया। साथ ही जो मौंते हुईं उनके लिए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। फिर चुनाव के ऐन पहले अमेरिकी अश्वेत नागरिक जॉर्ज लायड की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद अमेरिका में जमकर विवाद हुआ। प्रदर्शन इतने बढ़ गए कि ट्रंप ने नेशनल गार्ड्स को सडक़ों पर उतार दिया।
इस फैसले को लेकर ट्रंप की आलोचना हुई और देश के साथ दुनियाभर में इस फैसले का विरोध हुआ। इस विवाद का खासा असर इन राष्ट्रपति चुनावों पर पड़ा है। इस बार अमेरिकी चुनाव में बेरोजगारी का मुद्दा खूब गूंजा है। दोनों प्रत्याशियों ने नौकरी देने के लुभावने वादे किए। वहीं अमेरिका में कोरोना के कारण 10 करोड़ लोगों ने नौकरी गंवाई, ठीकरा बाइडन ने ट्रंप पर फोड़ा। इसे लेकर अमेरिकी युवाओं में ट्रंप के प्रति गुस्सा देखने को मिला। साथ ही बाइडन ने नौकरी देने के वादे को लेकर युवाओं को आकर्षित करने की कोशिश की। चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट में नए जज को लेकर लंबी बहस चली। जब सुप्रीम कोर्ट में जज का नाम नामित हुआ तो इसके बाद ट्रंप ने जज पर डेमोक्रेट्स समर्थक होने के आरोप लगाए। साथ ही कुछ ऐसे बयान दिए जिनको बाइडन ने प्रचार में खूब उछाला।
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