कोरोना का घातक होता संक्रमण और लॉकडाउन के चलते शेयर बाजार में भारी गिरावट

कोरोना का घातक होता संक्रमण और लॉकडाउन के चलते शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। इससे निवेशकों के नौ लाख करोड़ रुपए डूब गए। संक्रमण को लेकर निवेशकों के मन में कई संशय हैं।
कोरोना का घातक होता संक्रमण और लॉकडाउन के चलते शेयर बाजार में भारी गिरावट
कोरोना का घातक होता संक्रमण और लॉकडाउन के चलते शेयर बाजार में भारी गिरावटSocial Media

कोरोना का घातक होता संक्रमण और लॉकडाउन के चलते शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। शुरुआती दौर में ही सेंसेस 1700 पॉइंट गिरकर 48 हजार के नीचे आ गया। इससे निवेशकों के नौ लाख करोड़ रुपए डूब गए। इससे पहले 1 फरवरी को इंडेक्स 48 हजार के नीचे आया था। शेयर बाजार में गिरावट की तीन वजह सामने आ रही हैं। पहली-देश में लगातार कोरोना के नए केस बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में एक लाख 69 हजार 914 मामले सामने आए। यह देश में एक दिन में मिलने वाले संक्रमितों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। दूसरी-एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट है। इनमें चीन का शंघाई कंपोजिट, हॉन्गकॉन्ग का हेंगसेंग शामिल हैं। इसी तरह जापान का निकेई इंडेक्स भी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। तीसरी-चौथी तिमाही के नतीजों से पहले निवेशक नर्वस हैं। लगातार दो तिमाहियों में अच्छे रिजल्ट के बाद चौथी तिमाही के दौरान कोरोना संक्रमण का असर देखने को मिल सकता है इसीलिए निवेशक निवेश से पहले सतर्क हैं।

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कई राज्यों में जगह-जगह लॉकडाउन लगाया जा रहा है। इससे इकोनॉमिकल ऐक्टिविटीज़ पर बुरा असर पड़ रहा है। नतीया यह है कि बाजार में चौतरफा गिरावट है। जैसे तैसे बाजार वापस आने की स्थिति में आ रहा था, तभी संक्रमण ने तेज रफ्तार पकड़ी और लगभग पूरा देश पाबंदियों और लॉकडाउन की जद में आ गया। उद्योग-धंधों की गति मंद पड़ गई एवं कारोबार फिर से बेपटरी हो गया। पिछले साल 40 दिनों के लॉकडाउन की वजह से लोग पहले से ही टूट गए हैं, अब संक्रमण की नई रफ्तार ने बची उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। मगर यह हाल सिर्फ भारत का नहीं है। नए साल की शुरुआत से ही विश्व भर के बाजारों में गिरावट का रुख है। कारण है चीन से लगते झटके। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वहां जो होता है, उससे सारी दुनिया का कारोबार प्रभावित होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में जब तक कोरोना के संक्रमण को लेकर किसी तरह की स्पष्टता नहीं आ जाती, उतार-चढ़ाव बना रहेगा।

वहीं देश के अंदर मांग कमजोर है, जिससे कारखाना उत्पादन रफ़्तार नहीं पकड़ रहा। इन कारणों से कारोबारी आशंकित हैं। निवेशक शेयर बाजारों से अपना पैसा निकाल रहे हैं। खासकर विदेशी निवेशक ऐसा कर रहे हैं। यह क्रम जारी रहा, तो घरेलू निवेशकों के लिए इसकी भरपाई करना मुश्किल हो जाएगा। शेयर बाजार काफी दिनों से गिरावट का संकेत दे रहा था। सोमवार को पहले दिन गोता लगा भी गया। पिछले एक माह में जिस तेजी से कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, उससे हर कोई आशंकित है। भविष्य को लेकर हर किसी के मन में आशंकाएं हैं। एक भी निवेशक आने वाले दिनों की स्थिति को भांपकर आगे बढ़ रहा है और अभी की स्थिति पैसा लगाने के लिए कतई अनुकूल नहीं है।

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