मौके की नजाकत को समझें गुलाम नबी आजाद

अजीत डोभाल की कश्मीर में लोगों से मुलाकात पर गुलाम नबी आजाद ने सवाल उठाए हैं।कहा कि पैसा देकर किसी को भी साथ लाया जा सकता है।
मौके की नजाकत को समझें गुलाम नबी आजाद
मौके की नजाकत को समझें गुलाम नबी आजादPankaj Baraiya - RE

राज एक्सप्रेस, भोपाल। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की कश्मीर में लोगों से मुलाकात पर कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पैसा देकर किसी को भी साथ लाया जा सकता है। आजाद का बयान सही नहीं है। यह पाक को मदद करने जैसा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने बुधवार को लोगों के साथ मुलाकात की थी और कश्मीर की घटना को लेकर बातचीत की थी। इतना ही नहीं उन्होंने कई जगह सीआरपीएफ, पुलिस के जवानों को संबोधित भी किया था। अजित डोभाल अब भी श्रीनगर में ही हैं और सुरक्षा का जायजा भी ले रहे हैं। वे लगातार घाटी से सरकार को ग्राउंड रिपोर्ट भेज रहे हैं। बुधवार को ही डोभाल ने शोपियां के लोगों के साथ सड़क पर खाना खाया और समस्याओं पर बात की।

दरअसल, अजित डोभाल का ऐसा किया जाना सिर्फ कश्मीरियों का दिल जीतना और धारा-370 को लेकर लोगों के मन में उपज रही आशंकाओं को खत्म करना था। वे इसमें सफल होते भी दिख रहे हैं। अब न तो खुले तौर पर और न ही दबी जुबान में धारा-370 हटाने के फैसले का विरोध हुआ है। मगर हमारे देश के नेता इस पूरे मसले को राजनीतिक रंग में ढालने लगे हैं। डोभाल की नीति का विरोध करने लगे हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस विरोध की अगुवाई की है। कश्मीर जाने से पहले आजाद ने अजित डोभाल के वीडियो पर निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि आप पैसा देकर किसी को भी साथ ला सकते हैं।

गुलाम नबी आजाद के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी भड़क गई है। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि आजाद को इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उनका ये बयान अब पाकिस्तान इस्तेमाल करेगा। उन्होंने कहा कि अजित डोभाल वहां पर लोगों से मिलजुल कर हालात का जायजा ले रहे हैं, ऐसे में आप यह कैसे कह सकते हैं कि पैसा लेकर किसी को भी साथ लाया जा सकता है। नि:संदेह आजाद का बयान स्वीकार करने योग्य नहीं है।वे कैसे कह सकते हैं कि कश्मीरियों को पैसा देकर किसी भी काम में साथ लाया जा सकता है।

अगर ऐसा है तो अब तक कश्मीर में आजादी के नाम पर जितने दंगे कराए गए, सड़कों पर हिंसा फैलाई गई और युवाओं के हाथ में पत्थर पकड़ाए गए, क्या सब पैसे देकर किया गया? अलगाववादी जिस आरोप को लगातार नकारते रहे हैं, अब आजाद उसी की पुष्टि कर रहे हैं। आजाद का बयान कश्मीरियों का भी अपमान नहीं है। पहाड़ के लोगों को मेहनतकश माना जाता है। ऐसे में उन पर यह आरोप लगाना कतई सही नहीं है।

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