जुर्माने पर फिर से सोचना जरूरी

यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने में भारी वृद्धि का फैसला कानून का पालन अनिवार्य बनाने के लिए किया गया है, न कि सरकारी खजाने को भरने के मकसद से।
जुर्माने पर फिर से सोचना जरूरी
जुर्माने पर फिर से सोचना जरूरीPriyanka yadav - RE

"सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया है कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने में वृद्धि का फैसला कानून का पालन अनिवार्य बनाने के लिए किया गया है, न कि खजाने को भरने के मकसद से। जो भी हो व्यवस्था पर फिर से विचार होना ही चाहिए।"

राज एक्सप्रेस। यातायात नियमों के उल्लंघन को लेकर जुर्माने के नए कानून पर मचे बवाल के बीच सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया है कि, यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने में भारी वृद्धि का फैसला कानून का पालन अनिवार्य बनाने के लिए किया गया है, न कि सरकारी खजाने को भरने के मकसद से। दरअसल, इस महीने से जुर्माने की रकम 30 गुना तक बढ़ने और सजा की अवधि में भी इजाफे का नया नियम लागू किए जाने पर कोहराम मचा हुआ है। पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश के साथ-साथ गुजरात ने बढ़ी हुई दर पर जुर्माना वसूलने से इनकार कर दिया है।

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देश में सड़क हादसों में हो रही मौतों का जिक्र करते हुए कहा कि बहुत से ऐसे लोग हैं जिनके लिए कड़े जुर्माने के बिना ट्रैफिक रूल कोई मायने नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि जुर्माना बढ़ाने का फैसला काफी समझ-बूझकर और विभिन्न पक्षों से सलाह लेकर लागू किया गया है। दरअसल, एक सितंबर को संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट-1988 लागू होने के बाद भारी-भरकम जुर्माने के चालान कटने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। गुरुग्राम पुलिस ने गुरुवार को एक ट्रैक्टर ट्रॉली ड्राइवर को कई नियमों के उल्लंघन के आरोप में 59 हजार रुपए का चालान काट दिया।

उससे पहले, दो सितंबर को गुरुग्राम में ही एक स्कूटी चालक पर विभिन्न मामलों में 23 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया था। उसने यह कहते हुए जुर्माना भरने से इंकार कर दिया था कि, उसकी स्कूटी की कीमत ही मात्र 15 हजार रुपए है। बुधवार की ही बात है जब ऑटो ड्राइवर को नशे की हालत में ड्राइव करने, ड्राइविंग लाइसेंस समेत जरूरी दस्तावेज नहीं होने के कारण 47,500 रुपए का चालान काटा गया। चालान की यह रकम पहली नजर में भले ही बहुत ज्यादा लग रही हो, मगर इसके दो पहलू हैं। जिस पर समाज और लोगों को ध्यान देना होगा। साथ ही सरकार को भी जुर्माने की राशि पर नए सिरे से विचार करना होगा। आज सड़कों पर वाहन चालकों की मनमानी किस तरह से सामने आती है, यह किसी से छिपी नहीं है।

आए दिन हादसों में मौतों का बढ़ रहा ग्राफ यह बताने को काफी है कि हम किस कदर लापरवाह हैं और इस लापरवाही में वाहन चालक कभी अपनी जान गंवा देते हैं या कभी दूसरों की जान जोखिम में डाल देते हैं। अभी कुछ दिन पहले खबर आई थी कि, देश का लगभग हर तीसरा ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस समय पांच करोड़ से अधिक लोग फर्जी दस्तावेजों के सहारे सड़कों पर वाहन चला रहे हैं। सड़क परिवहन व सुरक्षा विधेयक को महत्वपूर्ण बताते हुए गडकरी ने कहा कि लगभग डेढ़ लाख लोग हर साल सड़क हादसों में मारे जाते हैं। नए कानून लागू हो जाने से पूरी व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव आएगा। अगर लोगों को जुर्माने की रकम कुछ ज्यादा लग रही है तो इस पर सरकार को विचार कर लेना चाहिए।

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