व्यापारिक संबंध खत्म किये जाने के बाद आत्महत्या करने पर आमादा पाक

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने और राज्य के पुनर्गठन के बाद बौखलाए पाक ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार निलंबित करने की घोषणा की है।
आत्महत्या करने पर आमादा पाक
आत्महत्या करने पर आमादा पाकNeha Shrivastava - RE

राज एक्सप्रेस, भोपाल। पाक की तड़प और बेचैनी देखकर समझ में यह आ रहा है कि बॉर्डर पार चोट बहुत गहरी लगी है। पाक ने भारत से द्विपक्षीय व्यापार को रोकने का फैसला लिया है। यानी अब पाक ना तो भारत से कोई सामान खरीदेगा और ना भारत को कोई सामान बेचेगा। उसे लगता है कि वह ऐसे दबाव बना लेगा।

पाकिस्तान ने भारत के लिए एयर स्पेस आंशिक रूप से बंद कर दिया है। 11 वायुमार्गो में तीन को बंद किया गया है। पाक ने अपने वायु क्षेत्र से गुजरने वाली उड़ानों की न्यूनतम ऊंचाई भी बढ़ा दी है। इसके तहत खासतौर से लाहौर क्षेत्र से गुजरने वाले विदेशी विमान अब 46 हजार फीट से नीचे नहीं उड़ सकेंगे। पाक के एयरस्पेस बंद करने पर एयर इंडिया ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने से बौखलाए पाक ने भारत से राजनयिक संबंध घटाने और द्विपक्षीय व्यापार निलंबित करने की घोषणा की है। बुधवार को इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समिति की बैठक के बाद पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि हमने भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को देश छोड़ने का आदेश दिया है और अब पाक का उच्चायुक्त भी दिल्ली नहीं आएगा। भारत में फिलहाल पाक उच्चायुक्त नहीं है। पाक इसी महीने नवनियुक्त उच्चायुक्त मोइन-उल-हक को दिल्ली भेजने वाला था। पाक ने 14 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस पर कश्मीरियों के साथ एकजुटता दिखाने और 15 अगस्त को भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर काला दिवस मनाने की बात कही है। भारत के फैसले से हड़बड़ाए पाक में पिछले चार दिनों में यह दूसरी बड़ी बैठक थी। रविवार को इमरान की अध्यक्षता में एनएससी की बैठक हुई। वहीं, मंगलवार को शीर्ष सैन्य जनरलों ने बैठक की थी।

भारत ने पुलवामा हमले के बाद ही पाकिस्तान से द्विपक्षीय व्यापार निलंबित कर दिया था। साथ ही पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) दर्जा खत्म कर आयात शुल्क में 200 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी थी। दोनों देशों के बीच 2.7 अरब डॉलर का व्यापार होता है। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने और राज्य के पुनर्गठन के बाद बौखलाए पाक ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार निलंबित करने की घोषणा की है। आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब भारत द्वारा पुलवामा हमले के बाद मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीने जाने की वजह से भारत में उसका निर्यात बहुत नीचे आ चुका है। असल में भारत के साथ वह पहले से ही व्यापार घाटे में था और अब यह अंतर बहुत बढ़ गया था। उसका यह कदम नाखून कटाकर शहीद कहलाने जैसा है। पाकिस्तान भारत को ताजे फल, सीमेंट, खनिज और अयस्क, तैयार चमड़ा, प्रसंस्कृत खाद्य, अकार्बनिक रसायन, कच्चा कपास, मसाले, ऊन, रबड़ उत्पाद, अल्कोहल पेय, चिकित्सा उपकरण, समुद्री सामान, प्लास्टिक, डाई और खेल का सामान निर्यात करता था, जबकि भारत से निर्यात किए जाने वाले चीज़ो में जैविक रसायन, कपास, प्लास्टिक उत्पाद, अनाज, चीनी, कॉफी, चाय, लौह और स्टील के सामान, दवा और तांबा आदि शामिल हैं।

भारत-पाकिस्तान व्यापार का गहराई से विश्लेषण करें तो पता चलता है कि पाकिस्तान के फैसले का दोनों ही देशों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। भारत और पाकिस्तान के बीच 2017-18 में महज 2.4 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जो भारत का दुनिया के साथ कुल व्यापार का महज 0.31 फीसदी है और पाकिस्तान के ग्लोबल ट्रेड का 3.2 फीसदी। कुल द्विपक्षीय व्यापार में करीब 80 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान में भारतीय निर्यात का है। बड़ी तस्वीर के रूप में देखें तो भारत और पाकिस्तान के बीच आयात-निर्यात में 2014-15 से कमी आ रही है। भारत सरकार ने हथियारों, मादक पदार्थो और अवैध नोटों की चल रही तस्करी की वजह से अप्रैल 2019 में पाकिस्तान के साथ क्रॉस एलओसी ट्रेड को निलंबित कर दिया था। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को निलंबित करने के पाकिस्तान के निर्णय से ज्यादा नुकसान उसी को होगा। उनका कहना है कि इसकी मुख्य वजह यह है कि पाकिस्तान अपने पड़ोसी भारत से कई आवश्यक वस्तुओं का आयात करता है। निर्यातकों के संगठन फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा व्यापार संबंधों को निलंबित करने का बुरा असर पाकिस्तान पर ही होगा। क्योंकि भारत इस मामले में उस पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं है जबकि पाक की भारत पर निर्भरता अपेक्षाकृत अधिक है। भारतीय विदेश व्यापार संस्थान के प्रो. राकेश मोहन जोशी ने कहा कि पास्र का निर्णय उसके ही कारोबार को प्रभावित करेगा।

पाकिस्तान से भारत का आयात इस वर्ष मार्च में घट कर 28.4 करोड़ डॉलर के बराबर रहा जबकि मार्च 2018 में यह आंकड़ा 3.5 करोड़ डॉलर था। इस दौरान भारत का इस पड़ोसी देश को निर्यात भी सालाना आधार पर 32 प्रतिशत घट कर 17.13 करोड़ रहा। लेकिन वित्त वर्ष 2018-19 में भारत का पाकिस्तान को निर्यात कुल मिला कर 7.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दो अरब डॉलर रहा। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के भारत के कदम के जवाब में पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार संबंध निलंबित किए हैं और राजनयिक संबंधों का स्तर घटा दिया है। पुलवामा के बाद 200 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाए जाने के बाद आयात में कमी आई है। आतंकवादी हमले के बाद 16 फरवरी को पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी आर्थिक कार्रवाई करते हुए भारत ने पड़ोसी देश से आयातित सभी वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया था।

जिस दिन भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का ऐलान किया, उसी दिन से पाकिस्तान के होश उड़े हुए हैं। ऐसा लग रहा है जैसे भारत ने अपने संविधान की कोई धारा नहीं, बल्कि पाकिस्तान के संविधान की धारा हटा दी है। पाकिस्तान की तड़प और बेचैनी देखकर समझ में ये आ रहा है कि बॉर्डर पार चोट बहुत गहरी लगी है। पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को रोकने का फैसला लिया है। यानी अब पाकिस्तान ना तो भारत से कोई सामान खरीदेगा और ना भारत को कोई सामान बेचेगा। दरअसल आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब पुलवामा हमले के बाद मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीने जाने की वजह से भारत में उसका निर्यात बहुत नीचे आ चुका है। असल में भारत के साथ वह पहले से ही व्यापार घाटे में था और अब यह अंतर बहुत बढ़ गया था। इसके अलावा खुद भारत ने अप्रैल से एलओसी ट्रेड को बंद कर रखा है। इस वजह से पाकिस्तान बौखलाहट में व्यापारिक रिश्ते तोड़ने का दम भर रहा है। इमरान का यह कदम केवल पाकिस्तानी जनता को गुमराह करने के लिए एक हथकंडा है। सच्चाई यह है कि भारत का पाकिस्तान के साथ नाममात्र का व्यापार होता है, भारत के कुल व्यापार का आधा फीसदी से भी कम व्यापार पाकिस्तान से होता है।

भारत-पाक के बीच कारोबार अब भी बेहद कम है। पाकिस्तान के साथ व्यापार मात्र 2.67 अरब डॉलर रहा। पाकिस्तान को भारत का निर्यात मात्र 2.17 अरब डॉलर रहा। भारत के कुल निर्यात में यह मात्र 0.83 फीसदी है। वहीं, पाक से भारत का आयात 50 करोड़ डॉलर से भी कम है। यह भारत के कुल आयात का 0.13 फीसदी है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच 35 अरब डॉलर से अधिक के कारोबार की संभावना है।

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