महाराष्ट्र में कौन बनेगा सीएम?

महाराष्ट्र में चुनाव के नतीजों के बाद सीएम पद के लिए शिवसेना और भाजपा दोनो दलों में चल रही है खींचतान, अब देखना होगा कि, किसकी होगी महाराष्ट्र में सत्ता?
महाराष्ट्र में कौन बनेगा सीएम?
महाराष्ट्र में कौन बनेगा सीएम?Deepika Pal - RE

राज एक्सप्रेस। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा-शिवसेना के बीच खींचतान के साथ दबाव की राजनीति जारी है। जैसे-जैसे समय बीत रहा है, यह खींचतान कड़वाहट में बदल रही है। महाराष्ट्र का सियासी समीकरण इस समय हर किसी की समझ से बाहर जा चुका है।

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच खींचतान के साथ दबाव की राजनीति जारी है। चुनाव नतीजे के बाद से शिवसेना ढाई-ढाई साल के फार्मूले पर सरकार बनाने पर अड़ी है जबकि भाजपा विधायकों के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी होने का हवाला देते हुए इस पर सहमत नहीं है। सोमवार को भाजपा और शिवसेना ने अलग-अलग महाराष्ट्र के राज्यपाल से मुलाकात की थी। महाराष्ट्र में सीएम पद पर रस्साकशी के बीच भाजपा-शिवसेना निर्दलीय विधायकों के जरिए अपने समीकरण को दुरूस्त करने में जुट गई है। अभी तक छह निर्दलीय विधायक दोनों दलों के समर्थन की बात कह चुके हैं। इनमें से तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा और तीन ने शिवसेना को समर्थन देने का ऐलान किया है। इसके अलावा प्रहार जनशक्ति पार्टी के दो विधायक भी शिवसेना के साथ खड़े हैं। अब दबाव की राजनीति के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 30 अक्टूबर को मुंबई पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि वे सरकार के गठन को अमलीजामा पहना सकते हैं।

इस विवाद का जो भी नतीजा निकले, मगर अभी तो भाजपा और शिवसेना के बीच जारी बयानबाजी कटुता का रूप ले रही है। मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना में सियासी कलह चरम पर पहुंच गई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने मंगलवार सुबह दुष्यंत चौटाला के सहारे भाजपा पर तंज कसा। राउत ने कहा कि यहां कोई दुष्यंत नहीं है, जिसके पिता जेल में हैं। इसके कुछ देर बाद ही भाजपा ने दो टूक कह दिया कि, मुख्यमंत्री का पद शेयर नहीं किया जाएगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ कहा कि चुनाव से पहले जब गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया था, तब शिवसेना से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया गया था। मैं और पांच साल के लिए मुख्यमंत्री रहूंगा। इस बार भाजपा और शिवसेना दोनों को 2014 की तुलना में कम सीटें मिली हैं। कुछ निर्दलीयों का भी समर्थन मिलने के बाद शिवसेना को लग रहा है कि वह दबाव बनाकर सरकार में टॉप पोस्ट हासिल कर सकती है।

खबर है कि, बुधवार को महाराष्ट्र भाजपा ने विधायकों की बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी का नेता चुना जाएगा। अपने सहयोगी पर दबाव बनाने के लिए कल ही भाजपा सरकार बनाने का दावा भी पेश कर सकती है। बता दें कि, आठ नवंबर तक नई सरकार का गठन होना है। माना जा रहा है कि शिवसेना से बात न बनने पर भाजपा 2014 की तर्ज पर अल्पमत की ही सरकार बना सकती है, जिसके गठन के बाद बहुमत परीक्षण किया जाएगा। भाजपा को उम्मीद है कि, पिछली बार की तरह इस बार भी एनसीपी उसे समर्थन दे सकती है। शिवसेना मुख्यमंत्री के पद पर भी दावा कर रही है। हालांकि, ऐसे संकेत हैं कि भाजपा उपमुख्यमंत्री का पद शिवसेना को देने के लिए तैयार है। महाराष्ट्र की राजनीति पांच दिनों में समुद्र में इतने गहरे तक उतर चुकी है कि यह कह पाना मुश्किल हो रहा है कि, बाहर कौन आएगा?

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